कांग्रेस नेत्री और पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और वे टीएमसी में शामिल हो गयी हैं। उन्होंने टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी से उनके कोलकाता स्थित कार्यालय में मुलाकात की और टीएमसी की सदस्यता ली।मालूम हो कि देव असम के सिलचर से लोकसभा सदस्य रही हैं। सुष्मिता के करीबी कुछ सूत्रों का कहना है कि वह त्रिपुरा में टीएमसी का चेहरा भी हो सकती हैं।
सूत्रों का कहना है कि सुष्मिता देव जैसे चेहरों की मदद से टीएमसी बंगाल के बाहर पार्टी का विस्तार करना चाहती है।पार्टी पूर्वात्तर के राज्यों असम और त्रिपुरा पर नजर बनाए हुए है। सुष्मिता के पिता संतोष मोहन देव असम के कद्दावर नेता रहे हैं। सुष्मिता भी असम से ही संसद सदस्य रही हैं। टीएमसी चाहती है कि वह असम और त्रिपुरा के बांग्ला भाषी लोगों के बीच पैठ बनाए।
वहीं, आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी सब कुछ जानकर भी अनजान बनती है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। युवा नेता छोड़ते हैं जबकि हम ‘बुजर्ग’ (पुराने नेता) पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास करते हैं तो उसके लिए भी कसूरवार ठहराया जाता है।’’
सिब्बल ने दावा किया कि पार्टी सब कुछ जान कर भी अनजान है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुष्मिता ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा।
सुष्मिता के इस्तीफे पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उम्मीद जताई कि पूर्व सांसद जो भी कदम उठाएंगी वह सोच-समझ कर उठाएंगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने सुष्मिता देव से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन बंद था। सुष्मिता देव एक कर्मठ और प्रतिभाशाली कार्यकर्ता थीं। फिलहाल उनका कोई पत्र सोनिया गांधी जी को नहीं मिला है। ऐसे में आशा करता हूं कि वह जो भी निर्णय करेंगी सोच-समझ कर करेंगी। मैं पार्टी की ओर से उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।’’