तमाम पाबंदियां हटाने के बाद भी कोरोना का डर अभी लोगों में बसा हुआ है। एक निजी संस्था की ओर से किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि 36 फीसद लोग मानते हैं कि मेट्रो शुरू हो भी जाए तो वे 60 दिन बाद ही ट्रेन से सफर शुरू करेंगे।
वहीं, बच्चों के स्कूल खोलने के मामले में 62 अभिभावकों की राय है कि सितंबर में स्कूल खुलना सुरक्षित नहीं है। बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावक अभी ऑनलाइन शिक्षा को ही जारी रखने के पक्ष में नजर आए हैं।
लोकल सर्किल नामक संस्था ने सितंबर में खुलने वाले गतिविधियों के पूर्वानुमान के आधार पर इस बारे में आम जनता से रायशुमारी की है। आम जनता सार्वजनिक परिवहन ही नहीं बल्कि अभी सार्वजनिक स्थलों से भी दूरी बनाकर रखना चाहती है।
सर्वेक्षण में केवल छह फीसद ही नागरिक ऐसे मिले हैं जिनका कहना है मल्टीप्लेक्स व सिनेमा खुलने के 60 दिन बाद ही वहां जाएंगे और 36 फीसद लोग 60 दिन बाद लोकल ट्रेन व मेट्रो से सफर करेंगे। इस मामले में 77 फीसद लोगों ने अपनी जान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसी जगहों से परहेज ही करने की सलाह दी है। इससे पूर्व जुलाई में भी ऐसा ही सर्वेक्षण किया गया था। इसमें केवल 29 फीसद लोगों ने ही मेट्रो से सफर करने की इच्छा जाहिर की थी।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि में मेट्रो लाइफ लाइन हैं, इसलिए बड़ी संख्या में लोगों ने यह आग्रह किया है कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश का पालन करते हुए इन सेवाओं को चलाया जाना चाहिए। रेस्तरां, जिम व मॉल आदि के बाद अब अब अगले चरण में मल्टीप्लेक्स व सिनेमा को खोलने की बारी है।
इस पर भी जनता की राय शुमारी में कहा गया है कि ये सब केंद्रीय वातानुकूलित सिस्टम पर चलते हैं। इसलिए इन जगहों पर जाना सबसे अधिक खतरनाक है। इस सर्वेक्षण में 25 हजार से ज्यादा लोगों के सुझाव लिए गए थे। 261 जिलों में हुए सर्वेक्षण में 64 फीसद पुरुष व 36 फीसद महिलाएं शामिल की गई थीं।
कोरोना से 14 मौत, 1442 नए मामले
दिल्ली में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 1442 नए मामले सामने आए हैं और इस बीमारी से 14 मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण दर 7.26 फीसद है जबकि 90.07 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। इस समय सक्रिय मरीजों की दर 7.24 फीसद और इस बीमारी मरने वालों की दर 2.67 फीसद है। अब तक कुल मामलों की संख्या 1,60,016 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 4284 हो गया है। 24 घंटे में 1230 मरीज ठीक हुए और अब तक कुल 1,44,138 मरीज ठीक हो चुके हैं।