सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के मूल निवासियों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत को मंगलवार को खारिज कर दिया। यह याचिका अहमदाबाद के एनजीओ अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी और अपराध निवारक परिषद (गुजरात राज्य) के उपाध्यक्ष हरेश मेहता ने दाखिल की थी।
पूरे गुजराती समाज का अपमान करने का था आरोप
हरेश मेहता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने गुजरात के मूल निवासियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि तेजस्वी यादव ने “गुजराती ही ठग हो सकता है” कहकर पूरे गुजराती समाज का अपमान किया है।
अदालत ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ आरजेडी नेता द्वारा धारा 406 सीआरपीसी के तहत दायर एक स्थानांतरण याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें आपराधिक मानहानि शिकायत को अहमदाबाद से दिल्ली या किसी अन्य “तटस्थ स्थान” में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।” शीर्ष अदालत ने 6 नवंबर, 2023 को शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके बाद तेजस्वी यादव ने अपना कमेंट वापस लेते हुए एक हलफनामा दायर किया। इसके बाद अदालत ने शिकायतकर्ता से पूछा कि क्या मामले में कुछ बचा है।
तेजस्वी यादव आरजेडी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी का उनके दल से गठबंधन को तोड़ लिया था और बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी। इससे उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। सोमवार को बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार की सकार ने अपना बहुमत भी साबित कर दिया।