महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। मेडिकल ग्राउंड पर सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने की बेल दी है। नवाब मलिक को फरवरी 2022 में डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उनकी गिरफ्तारी को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के रीजनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से जोड़कर भी देखा जा रहा है। मलिक उस दौरान वानखेड़े पर खासे हमलावर थे।

नवाब मलिक राकांपा के बड़े नेता माने जाते हैं। उनको पार्टी सुप्रीमो शरद पवार का खासे नजदीकी नेताओं में शुमार किया जाता है। नवाब मलिक शाहरुख खान के बेटे आर्यन की अरेस्ट के बाद समीर वानखेड़े और बीजेपी पर खासे हमलावर थे। नवाब मलिक के दामाद समीर खान को NCB ने अरेस्ट किया था। आर्यन की गिरफ्तारी के बाद हुए बखेड़े में नवाब मलिक को अरेस्ट कर लिया गया था।

हाईकोर्ट ने उनको जमानत देने से कर दिया था साफ इनकार

नवाब मलिक ने जमानत के लिए पहले निचली अदालत और फिर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी लीगल टीम का कहना था कि पूर्व मंत्री कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। लिहाजा उनको जमानत पर रिहा किए जाने की जरूरत है। लेकिन हाईकोर्ट ने उनको जमानत देने से साफ इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि मलिक को ऐसी कोई बीमारी नहीं है जिसे देख उनको तुरंत जमानत दी जाए।

मलिक ऐसी कोई हरकत न करें जिससे उनके केस पर असर पड़ता हो- SC

हाईकोर्ट से जमानत न मिलने के बाद मलिक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दरख्वास्त पर सभी पक्षों को नोटिस जारी किया था। सारे पक्षों की दलील सुनने के बाद टॉप कोर्ट ने फैसला किया कि मलिक को दो माह के लिए मेडिकल ग्राउंड पर बेल दी जाए। टॉप कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस दौरान मलिक ऐसी कोई हरकत न करें जिससे उनके केस पर कोई असर पड़ता हो।