शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित करने के लिए आज ओआरएफ के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कथित तौर पर काली स्याही मल दी।
कुलकर्णी ने आरोप लगाया, ‘‘शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मुझपर स्याही फेंकी और मेरे चेहरे पर मल दी। उन्होंने मुझे अपशब्द कहे।’’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विदेश नीति के थिंकटैंक ऑब्जर्वर एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा कसूरी की पुस्तक के विमोचन समारोह का आयोजन योजना के मुताबिक आज ही होगा। आयोजक ने कहा, ‘‘हम ऐसी घटनाओं से झुकेंगे नहीं। पुस्तक विमोचन पूर्व योजना के अनुरूप ही होगा।’’
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इसी बीच कुलकर्णी पर स्याही फेंके जाने पर प्रतिक्रिया जताते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘स्याही मलना लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का बहुत नरम तरीका है।’’
राउत ने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि स्याही मली गई या तारकोल। कोई भी यह पहले से नहीं बता सकता कि जनता का गुस्सा किस तरह से फूटेगा।’’
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कसूरी को मुंबई में अपनी पुस्तक ‘नाइदर ए हॉक नॉर ए डव: एन इनसाइडर्स अकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी’ के विमोचन समारोह में शिरकत करनी है। शिवसेना ने मांग की थी कि इस समारोह को रद्द कर दिया जाए। इसके साथ ही उसने इसे बाधित करने की धमकी भी दी थी।
हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले, महाराष्ट्र के गृहविभाग ने आयोजक को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था। कुलकर्णी ने रविवार देर रात उद्धव ठाकरे से उनके आवास ‘मातोश्री’ पर मुलाकात की थी लेकिन उनसे बिना कोई आश्वासन लिए ही उन्हें लौटना पड़ा था।
उन्होंने पहले भी कहा था कि कार्यक्रम योजना के मुताबिक ही चलेगा क्योंकि उन्हें पुलिस से पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन मिला है।
शिवसेना ने इससे पहले पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के संगीत समारोहों को बाधित करने की धमकी दी थी। इसके बाद उनके मुंबई और पुणे में होने वाले कार्यक्रमों को हाल ही में रद्द कर दिया गया था।
कुलकर्णी ने पहले कहा था, ‘‘मैंने उद्धवजी से कहा कि कसूरी को उनके विचार रखने दिया जाना चाहिए। मैंने उन्हें यह भी कहा कि यदि शिवसेना के विचार अलग हैं तो वह एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना अध्यक्ष ने मुझे बताया कि गुलाम अली की तरह कसूरी एक कलाकार तो नहीं हैं लेकिन वह उस व्यवस्था का हिस्सा हैं, जिसने आतंकवाद को बढ़ावा दिया।’’
कुलकर्णी ने कहा, ‘‘मैंने उद्धवजी से कहा कि जैसे शिवसेना को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, वैसे ही हमें भी कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उन्हें सूचित किया कि कस्तूरी वर्ष 2002-07 के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे और वर्ष 2008 में जब मुंबई आतंकी हमला हुआ, तब वह मंत्री नहीं थे।
अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ भाजपाई नेताओं के लिए भाषण लिख चुके कुलकर्णी ने कहा, ‘‘शिवसेना के नेता का ध्यान इस बात की ओर खींचा गया कि कसूरी ने अपनी इस पुस्तक में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, सरकार से इतर तत्वों की आलोचना की है।’’
महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चलाने वाली शिवसेना ने वर्ली के नेहरू सेंटर (आयोजन स्थल) के निदेशक को पत्र लिखकर उन्हें इस समारोह को पाकिस्तानी संबंध के चलते रद्द कर देने के लिए कहा है।