प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वैश्विक महामारी COVID-19 पर मुख्यमंत्रियों के साथ मंथन किया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के सीएम से उन्होंने कहा कि कोरोना पर हर सूबा कोरोना के चलते पनपी चुनौतीपूर्ण स्थितियों से लड़ रहा है। संक्रमण को काबू करने में हर राज्य का अहम योगदान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन 10 राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है। आज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज़्यादा हो चुके हैं, जिनमें से ज़्यादातर मामले हमारे इन 10 राज्यों में ही हैं।
पीएम के मुताबिक, “जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज़्यादा है, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है।”
वह आगे बोले- अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस, सबसे प्रभावी हथियार है। अब जनता भी इस बात को समझ रही है, लोग सहयोग कर रहे हैं।
बकौल मोदी, “टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन सात लाख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुक़ाबले काफी कम थी, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है।”
उन्होंने बताया, “एक्सपर्ट्स अब ये कह रहे हैं कि अगर हम शुरुआत के 72 घंटों में ही केस पहचान लें, तो ये संक्रमण काफी हद तक धीमा हो जाता है। आज टेस्टिंग नेटवर्क के अलावा आरोग्य सेतु ऐप भी हमारे पास है, जिसकी मदद से हम ये काम आसानी से कर सकते हैं।”
#WATCH We have seen that in some districts of UP, Haryana & Delhi, there was a phase when #COVID19 became a huge problem. Then we held a review meeting & a committee was formed under the chairmanship of Amit Shah and to a great extent, we achieved the results that we wanted: PM pic.twitter.com/bH4vBhUKGa
— ANI (@ANI) August 11, 2020
पीएम के अनुसार, “आज इन प्रयासों के परिणाम हम देख रहे हैं। अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन, आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने जैसे प्रयासों ने भी काफी मदद की है। साथियों, सबसे ज्यादा प्रभावी आपका अनुभव है। आपके राज्यों में जमीनी हकीकत की निरंतर निगरानी करके जो नतीजे पाए गए सफलता का रास्ता उसी से बन रहा है।
मुझे विश्वास है कि आपके इस अनुभव की ताकत से देश ये लड़ाई पूरी तरह से जीतेगा, और एक नई शुरुआत होगी।”

