पंकज रोहिला
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भले प्रधानमंत्री से कम रैलियां की हों लेकिन राज्यों का चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बेहतर साबित हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेसपदयात्राओं के जरिए सीधे मतदाताओं से जुड़ी, जिसका उसे फायदा हुआ। पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कुल मिलाकर 82 सभाएं की थी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है। दोनों पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इन चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी थी इसलिए सभी की नजरें उन सीटों पर थी, जहां उन्होंने रैलियां और सभाएं की थीं। राजस्थान में राहुल गांधी की नौ सभाएं हुई थीं, जिनमें उन्होंने क्षेत्र के मतदाताओं से सीधे जुड़ने की कोशिश की। उन्होंने भरतपुर से धौलपुर के बीच की विधानसभाओं में पद यात्राएं कीं। चुनाव प्रचार के दौरान सबसे अधिक 25 सभाएं राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में की। इसके अलावा राहुल गांधी के चार रोड शो भी हुए।
राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष की 19-19 चुनावी सभाएं हुई थीं जबकि राजस्थान में दो और छत्तीसगढ़ में उन्होंने एक रोड शो भी किया। स्थानीय और केंद्रीय नेताओं के तालमेल का असर यह हुआ है कि छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस ने वापसी कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया। मिजोरम में भी राहुल गांधी की दो सभाएं हुई थीं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। कुल मिलाकर पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने लगभग 400 रैलियों में शामिल होकर चुनाव प्रचार किया।
वहीं दूसरी ओर राजस्थान में प्रधानमंत्री ने 12 चुनावी सभाएं की थीं। जिन सीटों पर प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार किया, वहां भाजपा का प्रदर्शन कमजोर ही रहा। भाजपा के केंद्रीय नेताओं की विशेष रणनीति के तहत इन सीटों की सीधी कमान एक तरह से सीधे प्रधानमंत्री ने अपने हाथों में ले ली थी। उन्होंने अलवर, भरतपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, पाली जैसी प्रमुख सीटों पर चुनाव प्रचार किया था। परिणाम बताते हैं कि इन सीटों पर राहुल गांधी की सभाओं का मतदाताओं पर ज्यादा असर रहा है। भाजपा ने इन सीटों को मजबूती देने के लिए अपने मंत्रियों राजपाल सिंह शेखावत, अनिल भदेल, गजेंद्र सिंह आदि के रूप में स्टार प्रचारक उतारे थे। इन्होंने राजस्थान में अलवर, भीलवाड़ा, बेणेश्वरधाम, कोटा, भरतपुर, जोधपुर, हनुमानगढ़ आदि प्रमुख क्षेत्रों में सभाएं की थी। स्टार प्रचारकों की मदद से भाजपा ने राजस्थान में करीब 250 चुनावी रैलियां की थीं।