Maharashtra Politics: महाराष्ट्र महायुति के अंदर क्या सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। यह सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं कि पिछले दिनों सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक बैठक की थी, जिसमें डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन शिंदे इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे। जिसके बात इस बात ने जोर पकड़ लिया था कि फडणवीस और शिंदे के बीच में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

दरअसल, 2027 में नासिक में होने वाल कुंभ मेले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में नासिक महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक हुई थी। जिसमें एकनाथ शिंदे शामिल नहीं हुए थे। इस बैठक के दो दिन बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को नासिक का दौरा किया और कुंभ मेले के लिए एक अलग समीक्षा बैठक की, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच दरार की अटकलें तेज हो गईं।

हालांकि, एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उन्होंने समीक्षा बैठक इसलिए की, क्योंकि वह पार्टी की रैली के लिए नासिक में थे। उन्होंने कहा कि गठबंधन में कोई दरार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नासिक और रायगढ़ के संरक्षक मंत्री पद का मुद्दा जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।

कुछ दिन पहले फडणवीस ने कुंभ मेले के लिए मुंबई के सह्याद्री गेस्टहाउस में नासिक महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक बुलाई थी । इस बैठक में शिंदे को आमंत्रित किया गया था। हालांकि शिंदे बैठक में शामिल नहीं हुए।

इससे पहले जब मंत्री गिरीश महाजन ने नासिक में बैठक बुलाई थी तो शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के मंत्री दादा भुसे, जो नासिक के संरक्षक मंत्री पद के लिए उत्सुक हैं, बैठक में शामिल नहीं हुए थे। नासिक के संरक्षक मंत्री पद को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन, खासकर भुसे और महाजन के बीच खींचतान चल रही है, जिस पर शिवसेना और भाजपा दोनों ही दावा कर रहे हैं। यह पद महत्वपूर्ण है क्योंकि 2027 में नासिक में कुंभ मेला आयोजित किया जाएगा।

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पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में महाजन ने कहा कि उन्हें शिंदे द्वारा बुलाई गई बैठक में आमंत्रित किया गया था। लेकिन, उनकी कुछ मजबूरियां थीं, इसलिए वे इसमें शामिल नहीं हो सके।

महाजन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में एक बैठक की थी, लेकिन मैं उसमें भी शामिल नहीं हो सका। कुंभ मेला सरकार में सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए, अगर शिंदे ने इस संबंध में बैठक की तो क्या गलत है? दादा भुसे ने भी कुंभ मेले के संबंध में एक विस्तृत बैठक की। मुझे आमंत्रित नहीं किया गया। मैंने यह नहीं बताया कि मुझे क्यों नहीं बुलाया गया। इस बार कुंभ मेला बड़े पैमाने पर आयोजित होने जा रहा है, इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम बैठकें करें और अधिकारियों से तैयारियों के बारे में अपडेट लें। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन दलों या नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है।

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