Shashi Tharoor on Dynastic Politics: केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर लगातार अपने बयानों के चलते कांग्रेस पार्टी की मुसीबतें बढ़ाते रहे हैं और अब उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के बीच वंशवाद को लेकर एक आर्टिकल के जरिए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नेहरू गांधी परिवार ने इस विचार को पुख्ता किया कि राजनीतिक नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है।

कांग्रेस सासंद शशि थरूर वंशवाद की राजनीति के खिलाफ कहा कि वंशवाद की राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है और अब समय आ गया है कि वंशवाद की जगह योग्यतावाद लाया जाए। प्रोजेक्ट सिंडिकेट द्वारा 31 अक्टूबर को प्रकाशित एक कॉलम में शशि थरूर ने लिखा कि दशकों से, एक परिवार भारतीय राजनीति पर हावी रहा है। नेहरू-गांधी परिवार का प्रभाव…

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क्या बोले शशि थरूर?

नेहरू-गांधी परिवार का जिक्र करते हुए शशि थरूर ने लिखा कि इस परिवार में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी और वर्तमान विपक्षी नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं। यह परिवार भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है लेकिन इसने इस विचार को भी पुख्ता किया है कि राजनीतिक नेतृत्व एक जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है। यह विचार भारतीय राजनीति में हर दल, हर क्षेत्र और हर स्तर पर व्याप्त है।

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वंशवादी राजनीति को बताया ‘खतरा’

शशि थरूर ने अपने आर्टिकल में लिखा कि वंशवादी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है। जब राजनीतिक सत्ता का निर्धारण योग्यता, प्रतिबद्धता या जमीनी स्तर पर जुड़ाव के बजाय वंश से होता है, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कम प्रतिभाओं वाले समूह से चुनाव करना कभी भी फायदेमंद नहीं होता, लेकिन यह तब और भी ज़्यादा समस्याजनक हो जाता है जब उम्मीदवारों की मुख्य योग्यता उनका उपनाम हो।

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कांग्रेस सांसद ने तर्क देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि भारत वंशवाद के स्थान पर योग्यता आधारित व्यवस्था अपनाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बुनियादी सुधारों की आवश्यकता होगी जिसमें कानूनी रूप से अनिवार्य कार्यकाल सीमा लागू करने से लेकर पार्टी के आंतरिक चुनावों की आवश्यकता तक, साथ ही योग्यता के आधार पर नेताओं को चुनने के लिए मतदाताओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास करना शामिल है।

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कांग्रेस ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तिरुवनंतपुरम के सांसद द्वारा विपक्ष के नेता राहुल गांधी और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा का ज़िक्र पार्टी नेतृत्व को रास नहीं आया। हालाँकि, पार्टी नेताओं ने इस लेख पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह अक्सर ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकतें करते रहते हैं। पार्टी को इस पर ध्यान क्यों देना चाहिए या कोई बयान क्यों देना चाहिए? कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश और मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि आर्टिकल को लेकर शशि थरूर ने भी कोई बयान नहीं दिया है।

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