नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि वे प्रवक्ता पद की जिम्मेदारियों से उन्हें मुक्त करने के पार्टी के फैसले को स्वीकार करते हैं लेकिन अफसोस है कि उन्हें केरल कांग्रेस इकाई की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देने का मौका नहीं दिया गया। हालांकि थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि वे मामले को बंद मान रहे हैं। दूसरी ओर थरूर को प्रवक्ता पद से हटाए जाने पर कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए भाजपा ने कहा कि यह कदम असहिष्णुता को प्रदर्शित करता है क्योंकि पार्टी किसी के अच्छे काम को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। थरूर ने एक बयान में कहा कि मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी बयान देखा है और मुझे प्रवक्ता पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करने के कांग्रेस अध्यक्ष के फैसले को पार्टी के एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में स्वीकार करता हूं। इससे पहले दिन में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के लिए थरूर को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया था।

थरूर ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने यह नहीं देखा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की शिकायत में क्या कहा गया था और मैं उसका जवाब देने का मौका दिए जाने का स्वागत करता। मैं अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी का ध्यान मेरे पूरे बयानों और समकालीन राजनीतिक मुद्दों पर लेखों की ओर आकृष्ट करता, अब मैं इस मामले को बंद समझ रहा हूं और इस पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करनी।

उधर, भाजपा ने शशि थरूर को प्रवक्ता पद से हटाए जाने पर कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह कदम असहिष्णुता को प्रदर्शित करता है क्योंकि पार्टी किसी के अच्छे काम को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। भाजपा के सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है। लेकिन निश्चित तौर पर यह असहिष्णुता के स्तर या कांग्रेस में असहिष्णुता को प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने पर थरूर के खिलाफ कार्रवाई के बाद सिंह ने कहा कि थरूर को प्रधानमंत्री ने गैर राजनीतिक स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए नौ गणमान्य लोगों में एक के रूप में चुना था जो महात्मा गांधी का अधूरा सपना है। भाजपा नेता ने कहा कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि कांग्रेस अच्छा काम करने वाले हरेक व्यक्ति को हटा देगी। कांग्रेस में अच्छे कार्यों का कोई सम्मान नहीं है।