Parliament Constitution Debate: लोकसभा में संविधान को लेकर हुई पहले दिन की चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और प्रियंका गांधी वाड्रा, अखिलेश यादव महुओ मोइत्रा के नाम की काफी चर्चा रही। इन नेताओं के बीच एक बिहार की युवा सांसद ने भी सभी का ध्यान खींचा, जो कि लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) की शांभवी चौधरी हैं। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पूर्व दिग्गजों के बयानों को आधार पर बनाकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की वर्तमान कांग्रेस पर करारा हमला बोला।

खास बात यह है कि उनके भाषण की सत्ता पक्ष के लोगों ने खूब सराहना की। शांभवी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के द्वारा आरक्षण को लेकर अलग-अलग समय में दिए गए बयानों का संसद का जिक्र किया। उन्होंने कहा पूर्व पीएम नेहरू इंदिरा और राजीव आरक्षण के विरोधी थे।

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नेहरू-इंदिरा का किया उल्लेख

शांभवी ने कहा कि कांग्रेस को लगता था कि इस आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत दर्जे के नागरिक आते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संविधान के सिद्धांतों को अटल रखा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने किया है।

शांभवी ने कहा कि सबसे पहले जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में लिखा था कि मैं किसी भी तरह आरक्षण का पसंद नहीं करता हूं। मैं इसका विरोध करता हूं और खासकर नौकरी में।

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शांभवी बोलीं- आरक्षण पाने वालों को इडियट्स

आरक्षण को लेकर लेकर नेहरू के लेख का जिक्र करते हुए शांभवी ने कहा है कि इस आरक्षण के जरिए अक्षम लोगों को बढ़ाव दिया जाता है। वहीं इंदिरा गांधी ने मंडल की रिपोर्ट पर कहा था कि एक ऐसा तरीका अपनाइए, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।

इस दौरान शांभवी चौधरी ने राजीव गांधी के बयान का जिक्र किया। कि 1985 के एक इंटरव्यू में राजीव गांधी ने कहा था कि आरक्षण के नाम पर इडियट्स को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसे लोग देश का नुकसान करते हैं।

बता दें कि नेहरू-इंदिरा से लेकर राजीव गांधी तक का आरक्षण को लेकर दिया गया तर्क चर्चा में लाकर आज के दौर की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कांग्रेस पर हमला बोला है। लोकसभा से जुड़ी हर एक खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।