West Bengal Panchayat Polls: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। बीजेपी और टीएमसी नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच हावड़ा के दक्षिण पंचाला की भाजपा महिला कार्यकर्ता ने सनसनीखेज दावा किया है। बीजेपी महिला कार्यकर्ता ने कहा कि 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था। मैंने इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी।

पीड़िता ने कहा, टीएमसी के लोगों ने मेरे बाल पकड़कर मुझे मतदान केंद्र के बाहर खींच लिया और सीढ़ियों से नीचे फेंक दिया। उन्होंने मेरे कपड़े भी फाड़ दिए। मैंने पास के एक घर से कपड़ा लिया और उसे पहनकर अपने घर आई। अगर मेरे पति उस वक्त वहां मौजूद नहीं होते तो वे मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे। मेरे पति वहां थे तो वो वहां से मुझे बचाकर ले आए।’

पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी आज मीडिया के सामने फूट-फूट कर रोई हैं। उन्होंने राज्य की हिंसा के लिए ममता बनर्जी पर आरोप लगाया। चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य की हिंसा रोकने में पूरी तरह से विफल रहीं। उन्होंने कहा कि हम भी महिला हैं, हमारे साथ भी बदसलूकी हुई, हमें नहीं पता कि कहां जाना है। बीजेपी सांसद ने कहा कि टीएमसी के गुंडों ने बंदूक की नोक पर हमारी एक महिला प्रत्याशी को नग्न किया, उसके साथ अत्यातार किया। उन्होंने पूछा कि क्या इस मामले में भी कोई जांच होगी या नहीं?

इससे पहले शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने कहा था कि सबूत बताते हैं कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। राज्य पुलिस कहा कि हावड़ा में एक मतदान केंद्र पर अपनी महिला उम्मीदवार के साथ मारपीट के संबंध में भाजपा द्वारा दर्ज की गई शिकायतों में से एक जांच के बाद झूठी निकली है।

पश्चिम बंगाल के डीजीपी एम.मालवीय ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि 13 जुलाई को एसपी हावड़ा ग्रामीण को भाजपा की ओर से ईमेल से शिकायत मिली थी। जिसमें कहा गया था कि 8 जुलाई को हावड़ा के पंचला में एक मतदान केंद्र से एक महिला को जबरदस्ती बाहर निकाला गया और उसके कपड़े फाड़ दिए गए। मालवीय ने कहा कि इस शिकायत पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और आगे की जांच करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा कि जांच के बाद साक्ष्य से पता चलता है कि उस दिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। पुलिस और केंद्रीय बल मतदान केंद्र पर मौजूद था। डीजीपी ने साथ में यह भी कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।

बता दें, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव 2023 भारी हिंसा के साथ 8 जुलाई को संपन्न हुआ था। इस दौरान 13 लोगों की मौत, दर्जनों घायल और मतदान केंद्रों पर हमले हुए थे। इसके एक दिन बाद 9 जुलाई को सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने व्यापक रूप से हुई हिंसा के लगे आरोपों का खंडन किया था।