पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कांग्रेस नेता पीसी चाको के इस्तीफे पर पार्टी के नेताओं को घेरा है। झा ने ट्वीट किया कि जो लोग पीसी चाको को बदनाम कर रहे हैं वे कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा कि “दरबारी गुलामों” ने कांग्रेस को भीतर से कमजोर कर दिया है। मालूम हो कि कांग्रेस के दिग्गज नेता पीसी चाको ने आज यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी कि कांग्रेस में “लोकतंत्र नहीं बचा है”। नेता ने कांग्रेस “आलाकमान” को भी नहीं बख्शा और जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा, “केरल में कोई कांग्रेस पार्टी नहीं है,” सिर्फ पार्टी के दो धड़े हैं। चाको ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया।
बता दें कि चाको का इस्तीफा केरल में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। केरल में 6 अप्रैल को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। उन्होंने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि वह कई दिनों से इस फैसले पर विचार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केरल में कोई भी स्वाभिमानी राजनेता कांग्रेस में नहीं रह सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल नहीं है।
चाको ने कहा, ‘मैंने कांग्रेस छोड़ दी है और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। मैं पिछले कई दिनों से इस फैसले पर विचार-विमर्श कर रहा था। मैं केरल से आता हूं, जहां कोई कांग्रेस पार्टी नहीं है। सिर्फ दो धड़े हैं- कांग्रेस (I) ) और कांग्रेस (ए)। केरल कांग्रेस इन दो धड़ों की एक समन्वय समिति है।’
Now Mr #PCChacko quits.
Those who are maligning him and saying good riddance are the biggest threat to the Congress. The “ darbari slaves” have weakened us from within. They call the shots.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) March 10, 2021
उन्होंने कहा कि एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और दूसरा गुट कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला का है। चाको ने कहा कि केरल के लोग चाहते हैं कि कांग्रेस वापस आ जाए लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा गुटबाजी का समर्थन किया जा रहा है।
नेता ने कहा, ‘मैंने आलाकमान से इसे समाप्त करने के लिए कहा लेकिन हाईकमान भी गुटबाजी पर सहमत हैं।’ हालांकि उन्होंने सोनिया गांधी या राहुल गांधी का नाम नहीं लिया।
केरल से सांसद रह चुके 74 वर्षीय चाको ने कहा, ‘कांग्रेस में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है। उम्मीदवारों की सूची पर राज्य कांग्रेस समिति के साथ चर्चा नहीं की गई है। चुनाव, उम्मीदवारों की जीत पर चर्चा के लिए कोई पैनल नहीं है।’