संदेशखाली विवाद को लेकर आज कोलकाता हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि इस केस की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी जाए और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को भी सीबीआई को सौंप दिया जाए। इस फैसले के बाद शाहजहां शेख की कस्टडी लेने के लिए सीबीआई की टीम सीआई के पास पहुंची थी लेकिन उसे वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। सीआईडी ने कह दिया कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए सीबआई शेख को नहीं ले जा सकती है।

एक तरफ जहां संदेशखाली विवाद के चलते शाहजहां शेख की कस्टडी को लेकर सीबीआई और सीआईडी के बीच बवाल हुआ है तो दूसरी ओर ईडी ने भी शेख के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है और उसकी प्रॉपर्टी का एक बड़ा हिस्सा जब्त कर लिया है।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

खाली हाथ लौटे सीबीआई अधिकारी

जानकारी के मुताबिक पुलिस मुख्यालय से शाम 7.30 बजे सीबीआई की एक टीम खाली हाथ निकली थी क्योंकि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और इसलिए शीर्ष अदालत के फैसले तक शाहजहां को सौंपने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को “पूरी तरह से पक्षपाती” माना और शाहजहां के खिलाफ आरोपों की “निष्पक्ष, ईमानदार और पूर्ण जांच” के लिए कहा है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायणन ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा है कि हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं और केस पेपर और शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने को कहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि आप प्रोसेस फॉलो करें यानी तय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ें।

ईडी का बड़ा एक्शन

एक तरफ जहां सीबीआई को जांच सौंपने को लेकर बवाल चल रहा है तो दूसरी ओर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने संदेशखाली मामले में आरोपी शेख शाहजहां के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने शेख शाहजहां की 12.78 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली हैं. ईडी ने PMLA के तहत शाहजहां की 14 प्रॉपर्टी जब्त की हैं।