राजस्थान के बृज के कामां क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर अशोक गहलोत सरकार घिरती जा रही है। बता दें कि अवैध खनन का विरोध करने वाले साधु विजयदास बाबा ने बीती 21 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी। वहीं शनिवार को उनकी मौत हो गई। आत्मदाह की कोशिश के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

भरतपुर एसडीएम संजय गोयल ने जानकारी दी कि विजय दास को बेहतर इलाज के लिए राजस्थान से दिल्ली शिफ्ट किया गया था लेकिन देर रात उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को यूपी के बरसाना ले जाया जाएगा।

साधु विजयदास की मौत के बाद भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोहली ने कहा, “साधु विजय दास का निधन हो गया क्योंकि वह 500 दिनों से अधिक समय से धरने पर बैठे थे लेकिन अवैध खनन के मुद्दे पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कांग्रेस के शासन में प्रशासन खामोश हो गया। सीएम अपनी सीट बचाने के लिए खनन माफिया का समर्थन कर रहे हैं।”

उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 500 दिनों से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शनों पर ध्यान देने में देरी क्यों की? साधु आम जनता के लिए लड़ रहे थे न कि अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए।

साधु विजयदास की मौत के बाद गहलोत सरकार पर निशाना साधने वालों में कांग्रेस विधायक वाजिब अली भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि साधु विजय दास ने खुद को आग लगाई, यह प्रशासन की लापरवाही थी। खासकर तब, जब पहले से ही चेतावनी दी गई थी। उन्हें शांत किया जाना चाहिए था।

कांग्रेस विधायक ने किया विरोध, कहा- खनिज मंत्री को हटाओ:

राजस्थान में अवैध खनन को लेकर सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने अपनी ही सरकार पर हल्ला बोला है। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर राज्य के खनज मंत्री को हटाने की बात की। भरत सिंह ने लिखा, “प्रदेश का सबसे बड़ा खनन माफिया प्रदेश का खनिज मंत्री ही है। इनके द्वारा अवैध खनन के मामले अपने गृह जिले में रिकॉर्ड कायम किया गया है। जंगल, जमीन, नदी, नालों पर अवैध खनन करवाकर इन्होंने भ्रष्टाचार मचा रखा है।”

पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में अगर खनन माफिया पर काबू पाना है तो प्रदेश के खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए।