विदेश मंत्री एस जयंशकर ने जब ट्विटर पर कोरोना महमारी के खिलाफ विदेश से मिलने वाली मदद पर अपनी पीठ ठोकने की कोशिश की तो कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंत्री को जवाब देते हुए कहा कि हमें हमारे प्रति दुनिया की हमदर्दी को उपलब्धि नहीं समझना चाहिए। नेता ने कहा कि हमें ये सोचने की जरूरत है कि भारत को विदेश से मदद लेने की आखिर जरूरत ही क्यों पड़ गई?
दरअसल जयशंकर ने ट्वीट किया था, ‘अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी और थाइलैंड समेत दुनिया भारत के साथ खड़ी है।’ इसका जवाब देते हुए शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘नया भारत, जहां दुनिया की हमदर्दी पाना उपलब्धि मानी जा रही है। हमारी सरकार की नाकामी के चलते भारत को विदेश से मदद लेनी पड़ रही है।’ इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की आलोचना की थी। थरूर ने हर्षवर्धन को उस बयान पर घेरा था जिसमें मंत्री ने कहा था कि पिछले सात दिनों में 180 जिलों में कोई भी नए COVID -19 मामले सामने नहीं आए हैं। बयान पर थरूर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री एक अलग हकीकत देख रहे हैं जो कि दुखद है जबकि देश में लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं।
“Naya Bharat” – Where we make a virtue out of the sympathy earned by our failures and deny or gloss over the governmental apathy that led to us needing it. #Parmatmanirbharta https://t.co/1LFBqSWMfq
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 10, 2021
महामारी की स्थिति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को मंत्री समूह (जीओएम) की 25 वीं बैठक में अपने संबोधन में, हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले सात दिनों में 180 जिलों में कोई ताजा मामले नहीं आए हैं, 18 जिलों में 14 दिनों में कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। जिलों ने बताया कि 21 दिनों में कोई संक्रमण नहीं हुआ और 32 जिले पिछले 28 दिनों में किसी भी ताजा मामले से प्रभावित नहीं हुए।
हर्षवर्धन की टिप्पणी पर थरूर ने ट्वीट किया: “यह देखकर दुख हुआ कि स्वास्थ्य मंत्री एक अलग सच्चाई पर यकीन कर रहे हैं, जबकि देश सांस लेने के लिए हांफ रहा है और दुनिया भारतीयों को पीड़ित देख रही है।”
थरूर ने कुछ दिनों पहले हर्षवर्धन के एक अन्य ट्वीट को लेकर भी हमला बोला था जिसमें मंत्री ने कहा था कि “हमारे कोविन एप पर सिर्फ तीन घंटों में, 80 लाख लोगों ने खुद को पंजीकृत किया, 1.45 करोड़ एसएमएस भेजे गए और 38.3 करोड़ एपीआई हिट दर्ज किए गए।” थरूर ने ट्वीट किया: एसएमएस को कोविड से लड़ने में सफलता के रूप में देखा जा रहा है?