औरंगाबाद में सर तन से जुदा के नारे लगे और उसके बाद उदयपुर और अमरावती में हो भी गया। इस घटना को लेकर देशभर में बहस चल रही है। लोगों को भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने वालों की हर तरफ निंदा हो रही है। टीवी चैनलों पर इस बात को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुई है कि ऐसी मानसिकता और ऐसी सोच को कौन बढ़ावा दे रहा है ।

इंडिया टीवी पर इसी मुद्दे पर डिबेट में एंकर सौरभ शर्मा ने कहा कि अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने अपने कौम के नौजवानों को नूपुर शर्मा के सिर कलम करके लाने वाले को अपनी पूरी प्रापर्टी देने का ऐलान किया है। दूसरे हैं सरवर चिश्ती। सौरभ शर्मा ने कहा कि उनका बयान है कि हिंदुस्तान को हिलाकर रख देंगे।

इसको लेकर डिबेट में आरएसएस के विचारक संगीत रागी ने कहा कि “इस तरह की मानसिकता का जन्म कहां से हुआ है। इस मानसिकता का जन्म इस्लाम की एक व्याख्या से होता है। और वह उस इस्लाम की व्याख्या है जो जैस-ए-मोहम्मद पैदा करता है, बोको हरम पैदा करता है, इस्लामिक ब्रदरहुड पैदा करता है, और ये पूरी दुनिया में बिना अपवाद सर कलम करने की बात को फैलाता है। इसीलिए 54 देशों में ईशनिंदा का कानून है।”

उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि यह गैर इस्लामिक नहीं है उनकी व्याख्या में, एक प्रकार की इस्लाम की व्याख्या है, उसमें यह गैरइस्लामिक नहीं है। भारत के अंदर गैरसंवैधानिक हो सकता है, वह गैरइस्लामिक नहीं है। वैसे ही उसी इस्लाम को मानने वाला देवबंद भी है। क्योंकि इस देवबंद और पाकिस्तानी देवबंद एक ही हैं। दोनों के सिलेबस में अंतर नहीं है। वहां का देवबंद अफगानिस्तान में तालिबान पैदा करता है। पाकिस्तान में पैदा करता है, जैस-ए-मोहम्मद पैदा करता है।”

बोले-“तबलीगियों का रिसर्च पेपर पढ़ेंगे दुनिया का तो कोई टेररिस्ट एक्टिविस्ट नहीं है योरोप का जो तबलीगी ट्रेनिंग के बाद का नहीं गुजरा है कहीं न कहीं। मेरे कहने का लब्बोलुआब यही है कि इस्लाम की एक व्याख्या है, सारे इसमें शामिल नहीं है, जो इस तरह की मानसिकता पैदा करता है।”

इससे पहले एआईएमआईएम के नेता कलीमुल हफीज ने कहा कि जिन लोगों ने सर कलम की बात कही है, वे गलत हैं लेकिन सरकारों की गैरजिम्मेदाराना रवैया और सरकारी एजेंसियों की लापरवाही की वजह से ये बढ़ रहे हैं। कहा कि भाजपा सरकार अपने लोगों को भड़काऊ बातें बोलने पर कार्रवाई नहीं करती है।