कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल एक महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया था और बाद में बड़ी बेरहमी से उसकी हत्या भी हुई। पुलिस ने इसी साल जनवरी में इस मामले में संजय राय को गिरफ्तार किया, उसे उम्रकैद की सजा भी हुई। लेकिन फिर भी पीड़ित के माता-पिता न्याय की आस लगाए बैठे हैं, उन्हें अभी भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
आरजी कर केस में क्या बोले पीड़िता के पिता?
पीड़िता के माता-पिता का आरोप है कि जांच एजेंसी ठीक तरीके से तफ्तीश नहीं कर रही। इस वजह से माता-पिता ने गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह और सीबीआई डायरेक्टर प्रवीण सूद से मुलाकात की थी। उस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि हमने सीबीआई डायरेक्टर और ज्वाइंट डायरेक्टर से मुलाकात की थी। लेकिन हमारा समय पूरी तरह बर्बाद हुआ है। अब वो क्या कर रहें, हमें नहीं पता। लेकिन सीबीआई हमें कंप्रोमाइज दिखाई देती है या तो उन पर राजनीतिक दबाव है। वे भी वही सब कर रहे हैं जो एक समय कोलकाता पुलिस कर रही थी।
सीबीआई पर क्यों खड़े हुए सवाल?
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता ने एक गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा है कि जिस दिन उनकी बेटी का अंतिम संस्कार किया गया था, उस दिन वहां पर तीन शव और थे। लेकिन उनकी बेटी का सबसे पहले अंतिम संस्कार हुआ, आखिर इतनी जल्दबाजी किस चीज की थी, शायद सबूत को गायब करने के लिए सब किया गया।
पीड़िता के माता-पिता इस समय इस बात से परेशान हैं कि पुलिस और जांच एजेंसी सबूत भी उन्हीं से मांग रही है। वैसे इस मामले में माता-पिता एक बार फिर सड़क पर उतर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। उनके मुताबिक उन्होंने टीएमसी को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों से उस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील की है।
RG Kar केस की पूरी टाइमलाइन
यहां पर इस मामले की टाइमलाइन समझने की कोशिश करते हैं कि कब क्या हुआ, कैसे हुआ-
9 अगस्त 2024: 31 साल की महिला डॉक्टर के साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। शव कॉलेज की तीसरी फ्लोर से बरामद हुआ था।
अगस्त 10 2024: कोलकाता पुलिस ने अगले दिन ही संजय राय को गिरफ्तार किया, दूसरी तरफ मामले ने तूल पकड़ा और डॉक्टर हड़ताल पर बैठ गए।
अगस्त 12 2024: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने इस्तीफा दिया, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट का ट्रांसफर कर दिया।
अगस्त 13 2024: पीड़िता के माता पिता और कई दूसरे लोगों ने एक जनहित याचिका के जरिए कोर्ट में मांग की कि इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जाए।
अगस्त 14 2024: कोर्ट में याचिका के अगले दिन कोलकाता पुलिस ने संजय राय की कस्टडी सीबीआई को सौंप दी।
अगस्त 15 2024: पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ता पीड़िता के लिए न्याय मांगने लगे। दूसरी तरफ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तो विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, बेकाबू भीड़ ने अस्पताल के साथ-साथ क्राइम सीन को भी नुकसान पहुंचाया।
अगस्त 17 2024: पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं, सभी डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मांग मानी और 24 घंटे के लिए मेडिकल सेवा सस्पेंड हुईं।
अगस्त 18 2024: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और इस पर एक बड़ी बहस शुरू हो गई।
अगस्त 20 2024: पूर्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। उस बेंच ने ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना की, कोलकाता पुलिस पर भी सवाल उठाए। इसके ऊपर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 10 सदस्यों की एक टास्क फोर्स बनाई गई।
सितंबर 2 2024: सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष को गिरफ्तार किया। आरोप लगा कि उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाओं के दौरान भ्रष्टाचार किया।
सितंबर 14 2024: ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए खुद मौके पर जा विरोध कर रहे लोगों से मुलाकात की। उसी दिन सीबीआई ने संदीप घोष को भी गिरफ्तार किया और एक कोलकाता पुलिस के अधिकारी पर भी एक्शन हुआ। उस पर एफआईआर दर्ज करने में देरी के आरोप लगे।
अक्टूबर 5 2024: डॉक्टरों को विरोध प्रदर्शन करते हुए 50 दिन हो चुके थे, ऐसे में अब न्याय के लिए भूख हड़ताल शुरू की गई।
अक्टूबर 7 2024: सीबीआई ने संजय राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
अक्टूबर 24 2024: प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की भूख हड़ताल खत्म हुई, उन्होंने ममता बनर्जी से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन भी मिला।
दिसंबर 13 2024: अदालत की तरफ से संदीप घोष को जमानत दी गई, तर्क दिया गया कि 90 दिनों के अंदर भी चार्जशीट दाखिल नहीं की गई।
18 जनवरी 2025: कोर्ट की तरफ से संजय राय को दोषी पाया गया और सजा हुई।
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