पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ Congress नेता पी.चिदंबरम ने कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को घेरा है। उन्होंने RBI गर्वनर शक्तिकांत दास से कहा है कि वह मोदी सरकार से कहें कि वह सीधे अपना काम करे।

दरअसल, शनिवार को चिदंबरम ने दो सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए कहा, “RBI के कथन के बाद भी, क्या प्रधानमंत्री कार्यालय ( टैग करते हुए) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (टैग करते हुए) खुद की ऐसे पैकेज की सराहना कर रहे हैं जिसमें GDP का 1% से कम राजकोषीय प्रोत्साहन है?”

आगे उन्होंने लिखा, “गवर्नर (शक्तिकांत दास को टैग करते हुए) कहते हैं कि मांग में गिरावट आई है। साल 2020-21 में विकास नकारात्मक क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। फिर वह अधिक तरलता को क्यों प्रभावित कर रहे हैं? उन्हें सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि “अपना काम करो, राजकोषीय उपाय करो।”

चिदंबरम ने दास द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर नकारात्मक रहने की आशंका जताए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को ये बातें कहीं। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती, कर्ज अदायगी पर ऋण स्थगन को बढ़ाने और कॉरपोरेट को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को इजाजत देने का फैसला किया।

आरबीआई ने प्रमुख उधारी दर को 0.40 प्रतिशत घटा दिया। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत हो गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत हो गई है।

‘निर्यातक अच्छे बजारों और विशिष्ट उत्पादों की पहचान करें’: इसी बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने निर्यातकों से संकट के इस समय निर्यात के लिए खास बाजारों और उत्पादों की पहचान करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस समय वैश्विक बाजारों गंभीर संकट है, ऐसे में निर्यातकों को ऐसे बाजारों की तलाश करनी चाहिए जहां की सरकारों ने पैकेज के जरिये मांग को समर्थन दिया है। इसके लिए उन्होंने अमेरिका और यूरोप का उदाहरण दिया।

निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सदस्यों के साथ साथ ऑनलाइन परिचर्चा में प्रभु ने कहा, ‘‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों इस समय अपने सबसे गंभीर संकट के दौर में हैं। ऐसे में इस समय निर्यात क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में निर्यात के लिए विशेष बाजारों और उत्पादों की पहचान करना आज समय की जरूरत है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)

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