Ram Mandir: कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है। सरमा ने शनिवार को कहा कि भगवान राम और बाबर के बीच कांग्रेस हमेशा बाद वाले को ही चुनेगी। इसलिए 22 जनवरी को कांग्रेस ने राम मंदिर अभिषेक कार्यक्रम में शामिल होने से मना करके अच्छा किया है। नहीं तो उनकी मौजूदगी कार्यक्रम को खराब कर देती।
इससे पहले भी असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने पिछले पापों को कम करने का अवसर खो दिया है। हिमंत ने कहा था कि पहले तो कांग्रेस नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था।
हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर अफगानिस्तान के काबुल में बाबर के मकबरे पर राहुल गांधी की 2005 की एक तस्वीर भी साझा की।
वहीं कांग्रेस ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को चुनावी लाभ के लिए भाजपा/आरएसएस की योजना बताया और घोषणा की कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”जिन्हें आस्था है वे आज या कल मंदिर जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि विवाद बीजेपी की साजिश है।
हिमंत ने कहा कि कांग्रेस रामलला के बजाय बाबर के सामने झुकेगी। विहिप ने उन्हें अपने पापों से मुक्ति पाने का मौका दिया। वे कांग्रेस के लिए और क्या मदद कर सकते थे? वे अपने पापों को कम नहीं करना चाहते। असम सीएम ने कहा कि नेहरू से लेकर राहुल तक सभी बाबर के मकबरे पर गए।
भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने शुक्रवार को इसी तरह की टिप्पणी की और कहा कि कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि भक्त हनुमान चालीसा का जाप कर रहे हैं जो बुरी आत्माओं को दूर रखता है। उन्होंने कहा कि मैंने बिहार में अपने एक कार्यकर्ता से पूछा, उनकी राय में, ‘घमंडिया’ के नेता 22 जनवरी के समारोह के निमंत्रण को क्यों ठुकरा रहे हैं। कार्यकर्ता ने कहा कि भक्त ‘भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे’ श्लोक का जाप करते हैं।