अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अब कुछ ही दिन बच गए हैं। समारोह के लिए तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। इस बीच कुछ लोगों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के बयान पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि हर किसी को निमंत्रण नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा, “निमंत्रण केवल उन लोगों को दिया जाता है जो भगवान राम के भक्त हैं। यह कहना बिल्कुल गलत है कि बीजेपी भगवान राम के नाम पर लड़ रही है, हमारे पीएम का हर जगह सम्मान होता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत बड़ा काम किया है। यह राजनीति नहीं है, यह उनकी भक्ति है।”
कांग्रेस की सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी समेत कई नेता आमंत्रित
दरअसल प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए कांग्रेस की सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी समेत कई नेताओं को निमंत्रण दिया गया है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों के कई विशिष्ट लोगों और साधु-संन्यासियों को आमंत्रित किया गया है। समारोह में करीब 8000 लोगों को बुलाया गया है।
शिवसेना नेता का आरोप- समारोह का बीजेपी कर रही सियासी इस्तेमाल
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने खुद को निमंत्रण नहीं मिलने पर कहा था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले भगवान राम के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकर कर रही है। उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक समारोह है और इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। और न ही किसी एक पार्टी का समारोह बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए उन्हें निमंत्रण की जरूरत नहीं है और वह जब चाहें तब अयोध्या जा सकते हैं। उन्होंने कहा ‘हां, मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला है और मुझे इसकी आवश्यकता भी नहीं है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विरोध करने वाले भगवान राम के नाम पर चुनाव लड़ते हैं और उनका विरोध भी करते हैं। यह कैसी राजनीति है।
इससे पहले शिवसेना के ही नेता संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था, “अब केवल एक चीज बची है कि बीजेपी ऐलान करेगी कि भगवान राम चुनाव में उनके उम्मीदवार होंगे। भगवान राम के नाम पर इतनी राजनीति हो रही है।” शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि बीजेपी ने पूरे कार्यक्रम को एक प्राइवेट इवेंट बना दिया है। इससे यह साबित होता है कि यह राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि बीजेपी का निजी कार्यक्रम है।