मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। बता दें कि सकलेचा शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने भी पहुंचे थे। अब उनके संपर्क में आने वाले विधायकों का टेस्ट किया जाएगा। सकलेचा भाजपा की डिनर मीटिंग में भी शामिल हुए थे। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और वह राज्यसभा चुनाव में पीपीई किट पहनकर वोट डालने पहुंचे थे।
एमपी में राज्यसभा चुनाव में भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को चुनाव में सबसे ज्यादा 57 वोट मिले हैं। जीत के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि ‘राज्यसभा के लिए उन्हें 54 वोट अपनी पार्टी के विधायकों के मिले हैं, जबकि तीन वोट जिन लोगों ने दिए हैं वह उनका शुक्रिया अदा करते हैं।’ माना जा रहा है कि दिग्विजिय सिंह ने यह ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसा है। सिंधिया को राज्यसभा चुनाव में 56 वोट मिले हैं।
शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव होने के साथ ही रिजॉर्ट पॉलिटिक्स, दल-बदल और इस्तीफे का दौर खत्म हो गया है। भाजपा ने राज्यसभा की 19 सीटों में से 8 पर जीत दर्ज कर उच्च सदन में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। वहीं कांग्रेस के खाते में 4 सीटें गई हैं। इसके बाद राज्यसभा में कुल सीटों की संख्या बढ़कर 244 हो गई है। जिनमें से भाजपा के सदस्य बढ़कर 86 हो गए हैं। वहीं एनडीए के सदस्यों का आंकड़ा 100 के पार चला गया है।
वहीं कांग्रेस के पास राज्यसभा में 41 सदस्य हैं। वहीं अन्य सहयोगी पार्टियों के सदस्यों की संख्या 27 है। 20 राज्यों की 61 सीटों में से 42 पर पहले ही सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। मार्च में भाजपा के सात सांसद निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए थे। वहीं बीते दो दिनों में तीन और सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए हैं। जिनमें से एक सदस्य अरुणाचल प्रदेश में और दो कर्नाटक में चुने गए थे। वहीं कांग्रेस के पांच सांसद निर्विरोध उच्च सदन पहुंचे हैं।
राज्यसभा में एनडीए सांसदों का आंकड़ा 101 हो गया है। हालांकि अभी एनडीए बहुमत से दूर है लेकिन कुछ पार्टियां एनडीए का समर्थन कर सकती हैं। इन पार्टियों में ओडिशा की सत्ताधारी बीजद, वाईएसआर, एआईएडीएमके शामिल हैं।
राजस्थान में कांग्रेस ने तीन में से दो सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। वहीं भाजपा के राजेंद्र गहलोत भी राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि पार्टी के दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं गुजरात की चार में से तीन सीटों पर भाजपा को कामयाबी मिली है।
राज्यसभा की 19 सीटों के लिए शुक्रवार को जो मतदान हुआ, उसके परिणाम देखें तो बीजेपी को कोई फायदा नहीं हुआ है। वहीं यूपीए को पांच सीटों पर जीत मिली है। भाजपा ने राज्यसभा में दो सीटें गवांयीं थी, जिनकी भरपाई उसने झारखंड और मणिपुर में एक-एक सीट जीतकर कर ली है।
एमपी में हुए राज्यसभा चुनाव में सिंधिया और दिग्विजय सिंह दोनों को ही जीत मिली है और इसके साथ ही दोनों राज्यसभा पहुंच गए हैं। दरअसल सिंधिया जब कांग्रेस में थे, तभी से ही उनके और दिग्विजय सिंह के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। अब दोनों राज्यसभा पहुंचे हैं तो जाहिर है आगे भी दोनों के बीच की तनातनी देखने को मिलेगी। दिग्विजय को राज्यसभा चुनाव में 57 और सिंधिया को 56 वोट मिले हैं।
राज्यसभा की 19 सीटों के लिए शुक्रवार को जो मतदान हुआ, उसके परिणाम देखें तो बीजेपी को कोई फायदा नहीं हुआ है। वहीं यूपीए को पांच सीटों पर जीत मिली है। भाजपा ने राज्यसभा में दो सीटें गवांयीं थी, जिनकी भरपाई उसने झारखंड और मणिपुर में एक-एक सीट जीतकर कर ली है।
झारखंड की दो राज्यसभा सीटों में से एक सीट पर भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब रही। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पहली बार राज्यसभा पहुंचे। वहीं दूसरी सीट पर जेएमएम नेता शिबू सोरेन ने जीत दर्ज की। मणिपुर की एक राज्यसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार जीते।
भाजपा और कांग्रेस के अलावा टीएमसी राज्यसभा चुनाव में अपनी चार सीटें पाने में कामयाब रही। टीएमसी के चार सांसद ही रिटायर हुए थे। इसी तरह एनसीपी दो सीटें, राजद दो सीटें और शिवसेना एक सीट पाने में कामयाब रही।
भाजपा महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि "हम चुनावी नतीजों का स्वागत करते हैं और हम देश की लोकतांत्रिक जड़ों को मजबूत करने का काम करेंगे। सभी बड़े पॉलिसी संबंधी फैसले आम सहमति से लिए गए हैं लेकिन अधिक सदस्य मतलब ज्यादा मजबूती से लोकतंत्र में भागीदारी।"
राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया उच्च सदन पहुंचे हैं। वहीं विपक्ष से एचडी देवेगौड़ा, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और शिबू सोरेन प्रमुख हैं।
राज्यसभा से अपना कार्यकाल पूरा करने वाले 61 पूर्व सांसदों में से 15 भाजपा और 17 कांग्रेस पार्टी के थे। वहीं अन्य सांसद अन्य पार्टियों से संबंधित थे। शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद भाजपा ने उच्च सदन में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।