राजस्थान में सियासी संकट के बीच BJP द्वारा जोड़-तोड़ की कोशिशों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूबे में तमाशा बंद करा देना चाहिए। यहां हॉर्स ट्रेडिंग के रेट बहुत बढ़ गए हैं। ये आखिर क्या तमाशा है?
शनिवार को ये बातें उन्होंने जैसलमेर में पत्रकारों से कहीं। बोले, “मोदी जी, पीएम हैं। जनता ने उन्हें दो बार मौका दिया। थाली, ताली और बेल बजवाई। मोमबत्ती जलवाई। लोगों ने उनकी बात पर यकीन किया। ये बड़ी बात है। उन्हें चाहिए कि राजस्थान में जो तमाशा हो रहा है, उसे बंद करवाना चाहिए।”
बकौल गहलोत, “हॉर्स ट्रेडिंग यहां बढ़ गई है। जैसे सुनने में आया…चुनाव, विधानसभा सत्र है। और, हॉर्स ट्रेडिंग और बढ़ा दी गई। आप बताएं, क्या तमाशा है ये?”
WATCH: …Prime Minister should stop the ‘tamasha’ going on in Rajasthan. The rate for horse-trading has increased here. What ‘tamasha’ is this?: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot in Jaisalmer pic.twitter.com/W9s9THllBJ
— ANI (@ANI) August 1, 2020
राजस्थान सीएम का आरोप है- भाजपा का हॉर्स ट्रेडिंग का खेल बहुत बड़ा है, उनके मुंह खून लग चुका है, कर्नाटक में, मध्य प्रदेश में, इसलिए वो यहां प्रयोग कर रहे हैं। पूरा गृह मंत्रालय इस काम में लगा है। धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल की तरह कई मंत्री लगे हुए हैं। कई छुपे रुस्तम भी हैं।
उन्होंने यह भी कहा,‘‘हमें किसी की परवाह नहीं। हमें लोकतंत्र की परवाह है। हमारी लड़ाई किसी से नहीं है…(हमारी) विचारधारा, नीतियों एवं कार्यक्रमों की लड़ाई है…लड़ाई यह नहीं होती कि आप चुनी हुई सरकार को गिरा दें। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, हमारी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है।’’
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा सरकार के खिलाफ ट्वीट किए जाने के बारे में गहलोत ने कहा कि सिंह तो अपनी झेंप मिटा रहे हैं जबकि आडियो टेप मामले में उन्हें नैतिकता के आधार पर खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
उनके नेतृत्व से नाराज होकर अलग होने वाले सचिन पायलट एवं 18 अन्य कांग्रेस विधायकों की वापसी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला पार्टी आलाकमान को करना है और अगर आलाकमान उन्हें माफ करता है तो वे भी बागियों को गले लगा लेंगे।
बता दें कि राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान में विधायकों को तोड़ने की आशंका के बीच कांग्रेस एवं उसके समर्थक विधायकों को शुक्रवार को राजधानी जयपुर से दूर सीमावर्ती शहर जैसलमेर ट्रांसफर कर दिया गया।