बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का RSS कार्ड कांग्रेस की बजाए बीजेपी के लिए ज्यादा फायदेमंद है। उनका मानना है कि राहुल की इसी नादानी की वजह से बीजेपी को पहले 2014 और फिर 2019 में मनमाफिक सफलता हासिल हो सकी।

एक आर्टिकल का हवाला देते हुए स्वामी ने कहा कि राहुल खुद को बीजेपी और पीएम मोदी के विकल्प के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। इसी वजह से वह RSS पर हमला बोलते हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बगैर जानकारी हासिल किए संघ की आलोचना करते हैं। जिससे बीजेपी को फायदा होता है। स्वामी ने जिस लेख का हवाला दिया, उसके मुताबिक 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हो सकता था, अगर राहुल खुद को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट न करते। राहुल ने जैसे ही पीएम मोदी के विकल्प के तौर पर खुद को दिखाना शुरू किया बीजेपी की राह आसान होती चली गई और मोदी फिर से पीएम बन गए।

लेख में कहा गया है कि 2009 के चुनाव में कांग्रेस को इसी तरह का तुलना का फायदा हुआ था। तब बीजेपी के दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी का मुकाबला अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह से था। आडवाणी की भिड़ंत अगर सोनिया से होती तो बीजेपी आसानी से सत्ता के शीर्ष पायदान तक पहुंच जाती, लेकिन उनका मनमोहन सिंह के साथ मुकाबला होने पर बीजेपी को शिकस्त झेलनी पड़ी। आडवाणी ने गलती 2004 के चुनाव में ही कर दी थी। उस दौरान उन्होंने अटल बिहारी बाजपेयी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। हालांकि वह एक योग्य नेता थे, लेकिन खुद को प्रोजेक्ट न करना बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित हुआ। उस हार के बाद आडवाणी कभी भी उबर नहीं सके। आखिर में पार्टी का नेतृत्व नरेंद्र मोदी को मिला।

स्वामी चिन्मयानंद ने 70 के दशक में हिंदू वोट बैंक की बात कही थी, लेकिन तब यह बात यथार्थ से परे दिखाई देती थी। इसे धरातल तक लाने का काम कांग्रेस ने ही किया। कांग्रेस ने जिस तरह से 2014 और 19 में चुनावी अभियान चलाया उससे संदेश गया कि पार्टी हिंदुओं को उसी तरह से दूसरे दर्जे का नागरिक समझती है जैसे दूसरे देशों में अल्पसंख्यकों को समझा जाता है। इससे बहुसंख्यक समुदाय में गलत संदेश गया।

कांग्रेस खुद को नेहरू के बताए सेकुलर पथ पर आगे बढ़ाती रही। इससे बीजेपी का वोट बैंक अपने आप पुख्ता होता चला गया। राहुल अपने बयानों से अब इस वोट बैंक को और ज्यादा मजबूती देते जा रहे हैं। लेख में कहा गया है कि बीजेपी चीफ जेपी नड्डा को इसके लिए राहुल गांधी का पूरी तरह से शुक्रगुजार होना चाहिए। लेख के मुताबिक, राहुल इसी तरह से बोलते रहे तो बीजेपी की जड़ें और ज्यादा पुख्ता होती जाएंगी।