Rahul Gandhi Vote Chori Allegations: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने को ‘वोट चोरी’ का उदाहरण बताया था। उन्होंने दावा किया था इस सीट पर 6018 वोट हटाने के लिए आवेदन किए गए थे। इस मामले की जांच कर रही कर्नाटक एसआईटी ने जांच में एक बड़ा खुलासा किया और बताया कि चुनाव आयोग को वोट डिलीट करने के लिए जो 6018 आवेदन आए थे, उसमें हर एक आवेदन के लिए एक डेटा संचालक को 80 रुपये दिए गए थे।

कर्नाटक एसआईटी ने बताया कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले अलंद सीट पर चुनाव आयोग को दिए गए प्रत्येक फर्जी मतदाता डिलीट के आवेदन के लिए, एक डेटा सेंटर संचालक को 80 रुपये प्रति वोटर के हिसाब से 6018 वोटर्स के लिए कुल 4.8 लाख रुपये का भुगतान हुआ था।

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एसआईटी ने बीजेपी नेता की प्रॉपर्टी पर की थी छापेमारी

बता दें कि अलंद मतदाता सूची में अनियमितताएं उन मामलों में से एक थीं जिन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने वोट चोरी के आरोपों के तहत उठाया था। पिछले हफ़्ते एसआईटी ने जांच के सिलसिले में बीजेपी भाजपा नेता सुभाष गुट्टेदार से जुड़ी संपत्तियों पर छापे मार, जो 2023 में आलंद से कांग्रेस के बीआर पाटिल से हार गए थे।

सूत्रों के मुताबिक, 26 सितंबर को अलंद मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली SIT ने कलबुर्गी ज़िला मुख्यालय स्थित एक डेटा सेंटर को उस जगह के रूप में चुना है, जहां से आवेदन जमा किए गए थे। अधिकारियों के अनुसार फरवरी 2023 में हटाए गए डेटा का पता चलने के बाद स्थानीय पुलिस और एसआईटी द्वारा जांच अपने हाथ में लेने से पहले सीआईडी ​​साइबर अपराध इकाई द्वारा की गई जाँच, स्थानीय निवासी मोहम्मद अशफ़ाक की संलिप्तता की ओर इशारा करती है।

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2023 में भी हुई थी पूछताछ

2023 में पूछताछ के बाद अशफ़ाक़ ने खुद को निर्दोष बताया और अपने पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सौंपने का वादा किया, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद वह दुबई चला गया। अब एसआईटी ने इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स और अशफाक से जब्त किए गए उपकरणों की जांच के बाद कथित तौर पर पाया है कि वह इंटरनेट कॉल के जरिए अपने एक सहयोगी मोहम्मद अकरम के साथ-साथ जुनैद, असलम और नदीम के संपर्क में था।

पिछले हफ्ते, एसआईटी ने अकरम, जुनैद, असलम और नदीम की संपत्तियों की तलाशी ली और कथित तौर पर कलबुर्गी क्षेत्र में मतदाता सूची में हेराफेरी के लिए एक डेटा सेंटर के संचालन और प्रत्येक विलोपन के लिए 80 रुपये के भुगतान की पुष्टि करने वाली सामग्री मिली।

जारी है एसआईटी की जांच

इन बरामदगी के बाद एसआईटी ने 17 अक्टूबर को भाजपा नेता गुट्टेदार, उनके बेटों हर्षानंद और संतोष, और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सहयोगी मल्लिकार्जुन महंतगोल की संपत्तियों पर छापेमारी की। एसआईटी अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मोबाइल फोन के साथ सात से ज़्यादा लैपटॉप ज़ब्त किए हैं और भुगतान की गई धनराशि के स्रोत की जांच की जा रही है। जांच में कथित तौर पर पाया गया कि 75 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल, जो पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले से लेकर पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों तक, विभिन्न लोगों के थे, अलंद की मतदाता सूचियों में बदलाव के लिए अनुरोध करने हेतु चुनाव आयोग के पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए किया गया था।