रायबरेली में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बुधवार को अपने ही संसदीय क्षेत्र में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को रोकते हुए जोरदार नारेबाजी की और “राहुल गांधी वापस जाओ” के नारे लगाए। विरोध की वजह पीएम मोदी की मां के खिलाफ कथित अपशब्द हैं, जिसे लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में गुस्सा है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह भी सड़क पर उतर आए। समर्थकों के साथ धरने पर बैठकर उन्होंने राहुल गांधी का रास्ता रोक लिया। नारेबाज़ी और हंगामे के बीच राहुल का काफिला करीब एक किलोमीटर पहले ही रुक गया। पुलिस जब मंत्री दिनेश सिंह को हटाने पहुंची तो कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हो गई। हालांकि कुछ देर बाद हालात काबू में कर लिए गए।
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “राहुल गांधी ने पीएम मोदी की मां को गाली दी है। उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और ऐसे कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर करना चाहिए।”
वहीं, राहुल गांधी ने विरोध के बीच तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, “देशभर में ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा सच साबित हो रहा है। हम इसे बार-बार और और भी नाटकीय तरीके से साबित करेंगे।”
राहुल बुधवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे और फिर सड़क मार्ग से रायबरेली आए। रास्ते में हरचंदपुर में उन्होंने सपा नेताओं से मुलाकात भी की। उनका यहां दो दिन का दौरा है, जिसमें वे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे, बैठकें करेंगे और कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह उनका छठा दौरा है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव राहुल निर्मल बागी ने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में दिखाया गया। बागी ने कहा कि तीनों नेता पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की आवाज बनकर वोट चोरी का विरोध कर रहे हैं, इसलिए उन्हें कलयुग के देवताओं के रूप में दिखाया गया।
राहुल गांधी के इस दौरे की शुरुआत ही विरोध और विवाद से हुई, जिससे संकेत मिलता है कि रायबरेली की राजनीति इस बार और ज्यादा गर्म रहने वाली है।