लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘नरेंदर, सरेंडर’ वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस जहां इसे प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर सवाल बता रही है, वहीं भाजपा इसे सीधे सेना का अपमान करार दे रही है। भाजपा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके बयान देश के स्वाभिमान और सेना के शौर्य के खिलाफ हैं।
त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा, “हिंदी में कहावत है कि ‘नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है’, लेकिन यहां तो ‘गैर मुल्ला’ इतनी प्याज खा रहा है कि उसे यह तक महसूस नहीं हो रहा कि वह देश की सेना और स्वाभिमान का कितना बड़ा अपमान कर रहा है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान किसी राजनीतिक आलोचना की सीमा को पार कर पाकिस्तान के नैरेटिव से भी आगे निकल गया है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने जो कहा, वैसा तो पाकिस्तान का कोई जनरल, आतंकवादी या यहां तक कि हाफिज सईद और मसूद अजहर तक नहीं बोले। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी पाकिस्तान की संसद, मीडिया और सेना के नैरेटिव को न सिर्फ ताकत दे रहे हैं, बल्कि क्या अब वह इन ताकतों के नेता बनने की तैयारी कर रहे हैं?”
“ऑपरेशन सिंदूर की तुलना आत्मसमर्पण से शर्मनाक”
त्रिवेदी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी, सेना के “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी उपलब्धि की तुलना आत्मसमर्पण से करके यह दिखा रहे हैं कि उन्हें देश की सुरक्षा और सशस्त्र बलों की भावना का कोई सम्मान नहीं है। वे बोले- “राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, लेकिन उनमें परिपक्वता और गंभीरता की भारी कमी है। यह बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि खतरनाक मानसिकता को उजागर करता है।”
दरअसल, राहुल गांधी ने लोकसभा में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान का जिक्र किया था। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और चीन के बीच व्यापार के नाम पर युद्ध रोकवाया था। इसी बयान को लेकर राहुल ने संसद में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सरेंडर मोदी बन गए हैं।”
ट्रंप का दावा था कि व्यापार के नाम पर भारत-चीन के बीच युद्ध रोकवाया था
त्रिवेदी का यह बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के दावे का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने व्यापार के नाम पर भारत और चीन के बीच युद्ध रोकवाया था। इसी संदर्भ में राहुल ने लोकसभा में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी, सरेंडर मोदी बन गए हैं।”
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और उनका बयान ठीक वहीं जाकर लगा है, जहां लगना चाहिए था। प्रमोद तिवारी ने कहा, “राहुल ने जो सवाल उठाया है, वह ट्रंप के बयान पर आधारित है। अगर भाजपा में साहस है, तो प्रधानमंत्री खुद सामने आकर कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।”
भाजपा का कहना है कि राहुल का बयान सिर्फ प्रधानमंत्री पर हमला नहीं, बल्कि सेना के मनोबल को गिराने की कोशिश है। त्रिवेदी ने कहा कि अगर विपक्ष इस तरह की राजनीति करेगा, तो यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाएगा।
कांग्रेस का कहना है कि राहुल का निशाना सेना नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री की विदेश नीति पर था। लेकिन भाजपा जानबूझकर सेना को घसीटकर जनता की सहानुभूति बटोरना चाहती है।
इस बयानबाजी ने लोकसभा से लेकर मीडिया तक सियासी माहौल गर्मा दिया है। जहां कांग्रेस इसे एक साहसी सवाल बता रही है, वहीं भाजपा इसे राष्ट्रविरोधी मानसिकता बता रही है। अब देखना होगा कि खुद प्रधानमंत्री मोदी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
