कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम टिप्पणी’ पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बड़ा झटका लगा है। अब उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। राहुल गांधी के संबंध में लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी किया और इसकी कॉपी उन्हें भेज दी गई है। मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है।

वहीं इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “राहुल गांधी देश के सामने सच्चाई रख रहे हैं और सच बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे। सच बोलने पर सजा मिली है। हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे। हमने आज शाम 5 बजे पार्टी कार्यालय में अपने वरिष्ठ पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में हम अपनी रणनीति बनाएंगे कि कैसे आगे बढ़ना है।”

वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr, ललित मोदी घोटाला- 425 Cr, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Cr, जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं। क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम डरने या चुप रहने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में JPC के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।”

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर लिखा, “राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है।”

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, “जिस दिन राहुल गांधी ने अडानी, पीएम के खिलाफ सवाल उठाए, राहुल गांधी को चुप कराने के लिए इस प्रकार की साजिश शुरू की गई। यह भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी, तानाशाही रवैये का स्पष्ट मामला है।”