Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज 53 साल के हो गए। 2004 में जब राहुल गांधी ने राजनीति में शामिल होने की घोषणा की थी, तब से राहुल लगातार सुर्खियों में हुए हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं।

राहुल गांधी ने 34 साल की उम्र में किया राजनीति में प्रवेश

हालांकि, इन सबसे इतर 2004 से पहले राहुल गांधी के जीवन से जुड़े तथ्य कम ही ज्ञात हैं। राहुल गांधी की नागरिकता, उनकी शैक्षिक डिग्री आदि के बारे में अफवाहें और अटकलें अक्सर सोशल मीडिया पर उड़ती रहती हैं। कांग्रेस के सूत्रों ने अक्सर कहा है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राहुल और उनकी बहन प्रियंका को जानबूझकर सुरक्षा चिंताओं के कारण लोगों की नज़रों से दूर रखा गया था। 34 साल की उम्र में राजनीति में आने से पहले राहुल गांधी क्या कर रहे थे। इसको लेकर यहां जानकारी साझा की गई है।

राहुल गांधी शुरुआती पढ़ाई सेंट कोलंबस स्कूल से की

राहुल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल से की फिर वो 1981 से 1983 तक उत्तराखंड के देहरादून में द दून स्कूल में पढ़ें। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से राहुल और प्रियंका गांधी को घर पर ही पढ़ाया गया।

राहुल गांधी ने अपनी स्नातक की पढ़ाई के लिए साल 1989 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में एडमिशन लिया, लेकिन पहले साल की परीक्षा देने के बाद वो सुरक्षा कारणों की वजह से हार्वर्ड विश्वविद्यालय चले गए।

जुलाई 1989 में द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवेश लेने के बाद विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। रिपोर्ट में कहा गया कि समस्या यह नहीं थी कि राहुल, जो 18 साल के हैं, अयोग्य थे। आलोचना इस खुलासे पर केंद्रित थी कि राहुल ने क्ले और ट्रैप स्पर्धाओं में एक निशानेबाज के रूप में अपनी उत्कृष्टता के आधार पर प्रवेश प्राप्त किया था, जबकि भारत में एथलीटों के लिए इस तरह के प्रवेश की अनुमति है।

उसी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर के हवाले से कहा गया है, “आपको उनके लिए खेद है। वे हमेशा हिंसा की छाया में रहते हैं। वे कभी भी सामान्य जीवन नहीं जी सकते। उन्हें कॉलेज जाने का, ताजी हवा में सांस लेने का अधिकार है। आप उन्हें हर समय सुरक्षा परिवेश में बंद नहीं रख सकते।”

सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी हार्वर्ड विश्वविद्यालय गए

राहुल गांधी सुरक्षा कारणों की वजह से संयुक्त राज्य अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय चले गए। हालांकि, वे यहां से भी स्नातक नहीं कर सके, क्योंकि उनके पिता राजीव गांधी की 1991 में हत्या कर दी गई थी।

फ्लोरिडा के Rollins College से राहुल ने ग्रेजुएशन किया

राहुल गांधी को सुरक्षित रखने के लिए फ्लोरिडा के Rollins College में भेज दिया गया। यहां पर राहुल ने ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। यहां पर राहुल की पहचान सिर्फ विश्वविद्यालय के अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को ही पता थी। रॉलिन्स कॉलेज की वेबसाइट, सेंटर फॉर इंडिया एंड साउथ एशिया में राहुल गांधी को सिलेक्ट एलुमनी एसोसिएट्स के तहत सूची में दर्शाया गया है।

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से राहुल गांधी ने एमफिल किया

इसके बाद साल 1995 में राहुल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी गए। उन्होंने कैंब्रिज के Trinity College से एमफिल की डिग्री हासिल की। 2009 में राहुल गांधी की डिग्री को लेकर विवाद पैदा हुआ। इसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने कहा कि कांग्रेस नेता ट्रिनिटी कॉलेज के छात्र थे और उन्हें 1995 में डेवलपमेंट स्टडीज में एमफिल से सम्मानित किया गया था। तत्कालीन वाइस-चांसलर प्रोफेसर एलिसन रिचर्ड ने कहा कि विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान राहुल का आचरण बहुत अच्छा रहा। उन्होंने सदैव अच्छा व्यवहार किया।

कॉलेज के बाद राहुल-

राहुल गांधी की वेबसाइट के अनुसार, “राहुल ने अपने करियर की शुरुआत मॉनिटर ग्रुप के साथ की, जो लंदन स्थित एक मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म है। राजनीति में आने से पहले राहुल गांधी एक पेशेवर करियर बनाने पर अड़े थे। इसके बाद वह जल्द ही भारत लौट आए और अपनी खुद की टेक्नोलॉजी कंसल्टेंसी स्थापित की। मुंबई में उन्होंने निदेशक के रूप में अपनी टीम का नेतृत्व किया।

राहुल गांधी ने फर्म भी स्थापित की

2002 में स्थापित फर्म को बैकॉप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। उन्होंने बैकऑप्स यूके नामक एक अन्य फर्म भी स्थापित की। इस कंपनी के रिकॉर्ड ने बाद में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक के रूप में सूचीबद्ध किए जाने के दावों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने से उन्हें रोकने की मांग वाली याचिका के साथ मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।