नई दिल्ली, 14 मार्च। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली संसद की आचार समिति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजकर ब्रिटिश नागरिकता घोषित करने के आरोपों पर जवाब मांगा है। आचार समिति के नोटिस के बारे में पूछने पर सोमवार को राहुल गांधी ने कहा, हम इससे निपटेंगे। कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर मुद्दों से ध्यान बांटने का प्रयास कर रही है।
जनवरी के पहले हफ्ते में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भाजपा सांसद महेश गिरि की उस शिकायत को आचार समिति को भेज दिया था जिसमें उन्होंने अपने पार्टी सहयोगी सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों पर उपयुक्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। स्वामी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने उस देश में एक कंपनी शुरू करने के लिए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था।
भाजपा के मुख्य सचेतक और आचार समिति के सदस्य अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि स्पीकर को इस बारे में एक शिकायत प्राप्त हुई थी और उन्होंने उस शिकायत को संसद की आचार समिति को भेज दिया था। उन्होंने कहा कि आचार समिति ने राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे यह बताने को कहा है कि लंदन में जब वे एक कंपनी के निदेशक बनने वाले थे और बने थे, तब उन्होंने कैसे अपनी नागरिकता ब्रिटिश दिखाई थी।
भाजपा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस विषय पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से संपर्क किया था। पूर्वी दिल्ली से सांसद महेश गिरि ने कहा था कि लोगों के लिए इस विषय पर वास्तविकता जानना बेहर जरूरी है। उन्होंने स्पीकर से उपयुक्त जांच के लिए पहल करने का आग्रह किया था। इस मामले को तब आचार समिति को भेजते हुए स्पीकर ने कहा था कि सांसद ने जो शिकायत की है, उसे नियमों के तहत समिति को भेज दिया गया है। स्वामी ने इस विषय पर प्रधानमंत्री को भी पिछले नवंबर में पत्र लिखा था।
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार देश के समक्ष उत्पन्न गंभीर चुनौतियों और मुद्दों से लोगों का ध्यान बांटने का प्रयास कर रही है। पार्टी नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस शिकायत पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। कोई भी व्यक्ति जिसका जन्म भारत में होता हो, जिनके पिता और दादी देश की प्रधानमंत्री रही हों, क्या वह व्यक्ति किसी अन्य देश का नागरिक हो सकता है। आचार समिति को इसे खारिज कर देना चाहिए।
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली राज्यसभा आचार समिति ने विजय माल्या के मुद्दे का संज्ञान लिया जो कथित तौर पर नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक के बैंक ऋण डिफाल्टर हैं। विपक्षी सदस्यों के दिए गए नोटिस पर कार्रवाई करते हुए उच्च सदन के सभापित हामिद अंसारी ने मामले को समिति को भेजा था।
सिंह ने समिति की बैठक के बाद कहा, माल्या से संबंधित सवाल सोमवार को सदन में उठा। सभापति ने मामला आचार समिति को भेज दिया है। हमारी बैठक का फैसला पूर्व में हुआ था। वहां दो और मुद्दे थे। अब हमने इस तीसरे मुद्दे को भी लिया है। उन्होंने कहा, हमने इसका संज्ञान लिया है। अब हम नियमों के अनुसार इस पर आगे बढ़ेंगे।