Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच होना चर्चा का मुद्दा बन गया है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की तलाशी ली गई। नेता अक्सर चुनावी अभियान में भाग लेने और एक-जगह से दूसरी जगह जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। विपक्षी पार्टियों ने कहा कि यह तलाशी अभियान केवल उन्हें परेशान करने के लिए केंद्र के आदेश पर किया गया है।
वहीं, इलेक्शन कमीशन ने कहा कि यह तलाशी नियमों के हिसाब से ही ली गई है। इसका उद्देश्य केवल ज्यादा कैश ले जाने से रोकना है। आचार सहिंता लागू होने के बाद से हवाई क्षेत्रों और हेलीपैड के जरिये फ्री की सुविधाएं दी जा रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से उसके प्रत्याशी अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा कि इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने उनके हेलिकॉप्टर की तलाशी ली। टीएमसी ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों को कुछ भी नहीं मिला, लेकिन उनके हेलीकॉप्टर को खड़ा किया गया। साथ ही, बनर्जी के अधिकारियों को यह भी कहा कि तलाशी का वीडियो हटा दिया जाए। वहीं, इनकम टैक्स अधिकारियों ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है।
सोमवार को कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की तमिलनाडु के नीलगिरी पहुंचने पर चुनाव आयोग की टीम ने चेकिंग की। इस पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी को इलेक्शन कमीशन की टीम के द्वारा राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की जांच करने से कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को केवल राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की ही नहीं बल्कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टर की भी जांच करनी चाहिए।
क्या कहता है इलेक्शन कमीशन का नियम
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के दौरान इलेक्शन कमीशन ने एयरपोर्ट्स और हेलीपैड्स की सुरक्षा करने वाली कई एजेंसियों के साथ मीटिंग की। उस दौरान नियमों के कड़ाई के साथ पालन के दिशानिर्देश जारी किए गए थे। अब चुनाव आयोग ने कमर्शियल एयरपोर्टस पर उड़ान या लैंडिंगसे पहले अनुमति लेना अनिवार्य नहीं करता है।
वहीं, एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टर की गतिविधियों के बारे में जल्द से जल्द बताना जरूरी है। इसके अलावा एटीसी को सभी चार्टर्ड विमानों के रिकॉर्ड रखने के भी आदेश दिए हैं, जिसमें उड़ान या लैंडिग और रूट प्लान जैसी कई बातें शामिल हैं।
इसमें सबसे खास बात यह है कि इलेक्शन कमीशन के दिशानिर्देशों में ऐसे विमानों में सामान की जांच के आदेश शामिल हैं। ये जांच सीआईएसएफ या पुलिस के द्वारा की जाती है। अगर तलाशी अभियान के दौरान 10 लाख से ज्यादा कैश या एक किलो से ज्यादा सोना मिलता है तो इनकम टैक्स को जानकारी दी जाती है।
नॉन कमर्शियल हेलीपैड्स और एयरपोर्ट्स पर इलेक्शन कमीशन की तरफ से गठित उड़न दस्ते या पुलिस को पायलट के साथ मिलकर विमान में रखे सामान की जांच की जिम्मेदारी दी जाती है। हालांकि, इस दौरान किसी महिला के हैंडबैग को छूट मिलती है। चुनाव आयोग के आदेश हैं कि पहले से तय आगमन से पहले उम्मीदवार या राजनीतिक दल को डीईओ को कम से कम 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी। इलेक्शन कमीशन के नियमों के मुताबिक, अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा की कोई भी चीज पाई जाती है तो उसकी जांच हो सकती है और जब्त किया जा सकता है।
पिछले चुनाव के दौरान भी नेताओं के विमान चेंकिंग को लेकर हुआ विवाद
नेताओं की तलाशी और उनके हेलिकॉप्टरों की जांच कोई पहली बार नहीं हो रही है। इससे पहले भी कई बार चेकिंग हो चुकी है और विवाद भी हो चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने चुनाव पर्यवेक्षक की हैसियत से ओडिशा में पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की तलाशी का आदेश दिया था।
इलेक्शन कमीशन के बाद में मोहसिन को सस्पेंड कर दिया और तर्क दिया कि पीएम मोदी की सुरक्षा एसपीजी ने संभाली थी। इसलिए उन्हें इस तरह की जांच से छूट दी गई है। हालांकि, कैट ने यह कहते हुए उनके सस्पेंशन पर रोक लगा दी कि यह नहीं कहा जा सकता है कि एसपीजी की सुरक्षा हासिल किया हुआ व्यक्ति किसी भी चीज को ले जाने के लिए पात्र है। बाद में चुनाव आयोग ने मोहसिन के निलंबन को रद्द कर दिया।