मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तर प्रदेश का विशेष ध्यान रखा गया है। मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर को भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है। अनुसूचित जातियों में उनकी गहरी पैठ मानी जाती है। हालांकि हाल ही में उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार के कोरोना प्रबंधन को लेकर सवाल उठाया था।

कौशल किशोर सार्वजनिक जीवन में लगभग तीन दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। किशोर का लोकसभा में ये दूसरा कार्यकाल है। साल 2003-04 में उत्तर प्रदेश में मुलायमय सिंह यादव की सरकार में  उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। 1960 में लखनऊ के बेगरिया गांव में जन्मे 61 वर्षीय किशोर को हाल ही में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का राज्य प्रमुख बनाया गया था। उन्होंने 2002 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।

जीवन में बेहद संघर्ष करके इस मुकाम पर पहुंचे किशोर को अनुसूचित जातियों में गहरी पैठ रखने वाला नेता माना जाता है और उनकी गिनती सामाजिक न्याय के मुद्दों पर आवाज बुलंद करने वाले नेताओं में होती है। हालांकि इसी साल उस समय ये विवादों में रहे थे जब उनके पुत्र ने आरोप लगाया था कि लखनऊ में कुछ लोगों ने उनके ऊपर हमला कर दिया है। लेकिन पुलिस ने उनके दावों को गलत बता दिया था। जिसके बाद कौशल किशोर खुलकर बेटे के समर्थन में आ गए थे।

किशोर के अलावा मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल किये गये उत्तर प्रदेश के मंत्रियों में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से भाजपा से छठवीं बार चुने गये पंकज चौधरी और मिर्जापुर से भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस)

अनुसूचित जाति वर्ग में आगरा से भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह बघेल धनगर, जालौन के सांसद भानु प्रताप वर्मा-कोरी और लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र के सांसद कौशल किशोर पासी समाज से आते हैं। इनके अलावा लखीमपुर खीरी से दूसरी बार के सांसद अजय कुमार ब्राह्मण समाज से हैं।