पंजाब चुनाव के लिए भाजपा से गठबंधन करने पर शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) में भी बगावत के आसार बन गए हैं। पार्टी नेताओं का तर्क है कि मोदी सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए हों, लेकिन किसान आंदोलन के चलते लोगों में नाराजगी बरकरार है। कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी लोग खुश नहीं हैं। भाजपा-कैप्टन से गठजोड़ पर पार्टी को नुकसान हो सकता है।

खास बात है कि पार्टी अध्यक्ष सुखदेव ढींढसा के बीजेपी संग गठजोड़ के फैसले से रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा नाखुश हैं। इसको लेकर नाराजगी जताई गई थी। लेकिन इसके बावजूद ढींढसा दिल्ली जाकर अमित शाह से मिले। अब 21 दिसंबर को फिर पार्टी की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें आगे का फैसला लिया जा सकता है। अकाली दल में प्रकाश सिंह बादल के बाद रणजीत ब्रह्मपुरा और सुखदेव ढींढसा वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने बाद में अकाली दल छोड़ शिअद संयुक्त बना लिया था।

रणजीत ब्रह्मपुरा ने कहा कि पार्टी के वर्करों ने इस बात पर पहले ही नाराजगी जताई है कि वह भाजपा से गठबंधन के लिए राजी नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए कि जब पार्टी सहमत नहीं तो फिर ढींढसा अमित शाह से क्यों मिले? अगर शिअद (संयुक्त) भाजपा से गठबंधन करता है तो वह पार्टी में नहीं रहेंगे।

उधर, अकाली दल अभी तक 90 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुका है, लेकिन खडूर साहिब सीट खाली है। इस सीट ब्रह्मपुरा विधायक रह चुके हैं। चर्चा है कि ब्रह्मपुरा वापस अकाली दल (बादल) में लौट सकते हैं। हालांकि ब्रह्मपुरा का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में अभी कुछ नहीं सोचा।

जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों की वापसी की शर्त पर बीजेपी संग गठजोड़ करने की बात कही तो ढींढसा उनके साथ थे। यानि ढींढसा पहले ही कैप्टन के साथ चुनावी जुगलबंदी का मन बना चुके थे। हालांकि शिअद (संयुक्त) के नेताओं को कैप्टन संग जाने पर एतराज नहीं है लेकिन बीजेपी को लेकर उनमें खासी नाराजगी दिख रही है।

पंजाब चुनाव इस बार काफी रोचक हो चला है। कृषि कानून वापसी करके बीजेपी ने लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है तो कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से निकलने के बाद मजबूत मोर्चा बनाने की फिराक में हैं। उन्होंने अकाली दल (संयुक्त) और बीजेपी के साथ गठबंधन का ऐलान भी कर दिया है। अकाली दल मायावती की बसपा के साथ गठजोड़ कर रहा है तो कांग्रेस दलित सीएम चन्नी और सिद्धू के सहारे मैदान में है। वहीं अरविंद केजरीवाल करप्शन और फ्री के सहारे मैदान में हैं।