पुणे एक्सीडेंट मामले में इस समय पुलिस की जांच अब तेज हो चुकी है। नाबालिग आरोपी को अभी के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 5 जून तक ऑब्जर्वेशन में भेज दिया है तो वही दूसरी तरह अब पुलिस भी धीरे-धीरे इस केस में सबूत इकट्ठे कर रही है। आरोपी के पिता को हिरासत में लिया जा चुका है, जिस बार में शराब पी, उसके मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस पर क्या आरोप लग रहे?
लेकिन फिर भी इस समय पुलिस पर एक आरोप लग रहा है कि उनकी तरफ से नाबालिग आरोपी को बचाने की कोशिश हुई है। शुरुआती जांच के समय तो ये बात तक नहीं मानी गई थी कि नाबालिग आरोपी ने शराब का सेवन किया भी था या नहीं। लेकिन पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने दो टूक कहा है कि ब्लड रिपोर्ट उन लोगों के लिए जांच में इतनी मायने नहीं रखती है। उनकी तरफ से कहां गया कि आरोपी पूरी तरह होश में था, उसे इस बात का अहसास था कि अगर वो शराब का सेवन करके गाड़ी चलाएगा तो लोगों की मौत भी हो सकती है। उन्होंने एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा है कि इस मामले में कठोर से कठोर कार्रवाई के लिए सारे सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।
विवाद किस पहलू को लेकर है?
वैसे इस मामले में जिस आधार पर शुरुआत में नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी गई, वो भी विवाद का विषय बन गया था। कहा गया था कि आरोपी को एक 300 शब्द का एक निबंध लिखना होगा। पूरे देश में उस तरह के फैसले को लेकर आक्रोश देखने को मिला और पुलिस पर भी कई सवाल उठे। लेकिन 15 घंटे बाद एक तरफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में 5 जून तक आरोपी को ऑब्जर्वेशन में भेज दिया तो वही पुलिस भी अब सख्त एक्शन लेने की बात कर रही है।
पुलिस तो अब कह रही है कि वो आरोपी को नाबालिग की जगह बालिग की तरह देखकर जांच चलाने की अपील कर रही है। लेकिन अभी तक कोर्ट की तरफ से इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। वैसे इस पूरे केस में एक विवाद का पहलू ये भी है कि स्थानीय विधायक ने आरोपी नाबालिग की मदद की और पुलिस दबाव भी बनाया।
स्थानीय विधायक और प्रेशर पॉलिटिक्स
इस स्थानीय विधायक का नाम सुनील टिंगरे है जो अजिट गुट से आते हैं। बताया गया है कि वे पहले से ही नाबालिग और उनके पिता को जानते थे और हादसे के तुरंत बाद आरोपी के पिता ने विधायक को ही सबसे पहले फोन मिलाया था। कहा तो यहां तक गया है कि विधायक ने आरोपी नाबालिग के लिए पुलिस थाने में ही पिच्चा का इंतजाम तक करवाया था। अभी के लिए विधायक ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और कठोर कार्रवाई की बात कर दी है।