केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधायक 2025 बिल को लोकसभा में पेश किया। संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025 का विपक्ष ने जोरदार विरोध किया। सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि ये बिल लोकतंत्र विरोधी हैं। वहीं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस बिल का स्वागत किया।
क्या है संविधान का 130वां संशोधन?
बता दें कि संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान है। संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे और यह समिति अपनी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन तक पेश करेगी।
प्रशांत किशोर ने किया समर्थन?
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “यह विधेयक इसलिए लाया गया है क्योंकि जब संविधान बनाया गया था, तो इसे बनाने वालों और देश के संस्थापकों ने शायद यह अनुमान नहीं लगाया होगा कि सत्ता में बैठे लोग इतने भ्रष्ट और अपराधी हो जाएंगे कि उन्हें जेल जाना पड़ेगा। इसके अलावा वे जेल जाने के बाद भी अपने पद नहीं छोड़ेंगे। मेरा मानना है कि यह विधेयक अच्छा है क्योंकि अगर किसी नेता पर आरोप लग जाए और उसे जेल भेज दिया जाए, तो वह जेल से सरकार नहीं चला सकता।”
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विपक्ष ने किया हंगामा
विपक्ष ने संविधान के 130वें संशोधन बिल को इंट्रोड्यूस करते वक्त बिल की कॉपी फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ फेंक दी। वहीं इसके बाद ट्रेजरी बेंच को विपक्ष ने घेर लिया और गृह मंत्री के माइक को मोड़ने की भी कोशिश की गई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 5 बजे तक स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं इसे पूरी तरह से क्रूर मानती हूं क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ है। इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना लोगों की आंखों पर पर्दा डालने जैसा है। कल आप मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह का केस दर्ज करा सकते हो, उन्हें बिना दोषी सिद्ध हुए 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं और फिर वह मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगे। यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी, अलोकतांत्रिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”