प्रशांत किशोर (पी.के) के जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें लगाईं जा रहीं है। शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक की। पार्टी के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सोनिया गांधी उन्हें शामिल करने के लिए तैयार हैं और वह भी इस विचार के लिए तैयार हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रशांत किशोर अगले दो हफ्तों में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
मई 2021 में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ अपनी पहली बातचीत की थी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जबकि उस दौरान वो और उनकी राजनीतिक सलाहकार फर्म I-PAC पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के साथ काम कर रही थी। उन्होंने एक महीने बाद कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के बारे में एक प्रस्तुति दी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों ने जुलाई में प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी।
लेकिन लगभग उसी समय प्रशांत किशोर ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मुलाकात की और एनसीपी के सूत्रों की माने तो उन्होंने एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस के विलय का सुझाव भी दिया। कहा जाता है कि उन्होंने एनसीपी से वादा किया था कि वह कांग्रेस और बीजेपी से कई असंतुष्ट नेताओं को एनसीपी में ला सकते हैं जिससे पार्टी कांग्रेस की जगह ले सकती है और भाजपा और पीएम मोदी को चुनौती दे सकती है।
हालांकि गोवा चुनाव के पहले प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच एक बार फिर खटास की खबरें आईं। प्रशांत किशोर ने पिछले साल दिसंबर में ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, “विपक्ष का नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं था, खासकर जब पार्टी हार गई हो। पिछले 10 वर्षों में 90 प्रतिशत से अधिक चुनाव पार्टी हारी हो। विपक्षी नेतृत्व को ‘लोकतांत्रिक रूप से’ तय करने दें।
वहीं प्रशांत किशोर और सोनिया गांधी की मुलाकात पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता ने हैरानी जताई है। एनसीपी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “मुझे नहीं पता कि वह (प्रशांत किशोर) अब कांग्रेस के साथ इसके रिवाइवल की योजना पर कैसे चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने हमारे साथ कुछ अन्य योजनाएँ साझा की थी।”
बता दें कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ, वहीं आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के साथ जबकि तेलंगाना में टीआरएस के साथ काम कर रहे हैं। तीनों राज्यों में कांग्रेस इन पार्टियों के खिलाफ है और उसकी प्रतिद्वंदी है। अब बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो इन दलों के साथ उनकी फर्म का चल रहे कॉन्ट्रैक्ट का क्या होगा?