Politics: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बमुश्किल तीन महीने बचे हैं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रविवार को सतना जिले के चित्रकूट से अपनी पार्टी की “जन आशीर्वाद यात्रा” को हरी झंडी दिखाएंगे। यात्रा विंध्य क्षेत्र से होकर गुजरेगी। भाजपा नेताओं ने कहा कि अगले सप्ताह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसी चार यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं के माध्यम से भाजपा का लक्ष्य अपनी अन्य उपलब्धियों के अलावा पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं लोगों तक पहुंचाना है।
उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को भोपाल में रहेंगे। वो भारतीय जनसंघ के प्रमुख चेहरे स्वर्गीय दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इन पांच यात्राएं के समापन के अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। भाजपा नेताओं ने कहा कि ये पांच यात्राएं भोपाल पहुंचने से पहले एमपी के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 210 से होकर 10,500 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगी।
बीजेपी हाईकमान ने इस बार केंद्रीय मंत्रियों को उतारा
जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले ऐसे आयोजनों में सबसे आगे थे, भाजपा नेतृत्व ने इस बार यात्राओं के लिए केंद्रीय मंत्रियों, अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी को शामिल करने का फैसला किया है।
2018 में कांग्रेस ने जीती थीं 114 सीटें, जबकि बीजेपी ने 109
2018 के चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा की 109 सीटों के मुकाबले 114 सीटें जीतीं, जिसके बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाई। हालांकि, कांग्रेस सरकार 15 महीने बाद गिर गई, जब पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी हो गए और अपने वफादार विधायकों के साथ उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। जिससे शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे शिवराज
सिंधिया अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। हालांकि, आगामी चुनावों से पहले उनके वफादारों में एक वर्ग में असंतोष है। सिंधिया के कई वफादार या उनके गृह क्षेत्र ग्वालियर-चंबल के भाजपा नेता अब कांग्रेस में लौट आए हैं और उन पर निशाना साधा रहे हैं। कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद से तीन साल तक सिंधिया से खुली दुश्मनी के बाद कोलारस से भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पिछले गुरुवार को पार्टी छोड़ दी। हाल के हफ्तों में छोड़ने वाले सिंधिया क्षेत्र के यह चौथे वरिष्ठ भाजपा नेता हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के बारे में कहा जा रहा कि वो सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहे हैं, जिससे भाजपा को आगामी चुनावों में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान में बीजेपी ने इस तरह की रैलियों से वसुंधरा राजे का दूर रखा
वहीं पड़ोसी राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस का शासन है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को सवाई माधोपुर से पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा’ की शुरुआत की और एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर गहलोत सरकार पर हमला बोला। नड्डा ने लोगों से आह्वान किया कि अगर वो राज्य की स्थिति को बदलना चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें।
5 सितंबर तक शुरू होने वाली भाजपा की चार परिवर्तन यात्राएं राजस्थान की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगी, जिसके तहत पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए किसान चौपाल, मोटरसाइकिल रैलियां, महिलाओं की बैठक, दलित चौपाल आयोजित की जाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से ऐसी दूसरी यात्रा की शुरुआत करेंगे, जो 19 दिनों में 52 निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करेगी। तीसरी यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को जैसलमेर के रामदेवरा से शुरू करेंगे, जबकि चौथी बीजेपी यात्रा 5 सितंबर को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शुरू करेंगे।
राजस्थान में भी बीजेपी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव में ऐसे आयोजनों की शुरुआत का जिम्मा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जैसे राज्य के शीर्ष नेताओं को सौंपने के बजाय केंद्रीय पार्टी नेताओं को दिया है।
अरविंद केजरीवाल हरियाणा तलाश रहे जनाधार
हरियाणा में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान रविवार को भिवानी में स्थानीय इकाइयों के नवनियुक्त पदाधिकारियों को शपथ दिलाएंगे। इन पदाधिकारियों को मंडल प्रभारी कहा जाता है। उनमें से प्रत्येक को शहरी क्षेत्रों में पांच वार्डों या ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ गांवों के लिए नियुक्त किया गया है।
केजरीवाल की यह कवायद अपने गृह राज्य हरियाणा में अपना जनाधार बढ़ाने की आप की निरंतर कोशिश का हिस्सा है। यह और बात है कि कई चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी अब तक राज्य में कोई सफलता हासिल नहीं कर पाई है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 10 दिवसीय ‘जन संवाद यात्रा शुरू’ की
वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस केंद्र सरकार और शिंदे-बीजेपी सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए रविवार से 10 दिवसीय “जन संवाद यात्रा” शुरू करने के लिए तैयार है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के अनुसार, पार्टी नेता इस अवधि के दौरान सभी क्षेत्रों में तालुका, गांव और शहर स्तरों से यात्रा करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण क्रमशः पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में यात्रा का नेतृत्व करेंगे। जबकि पश्चिम विदर्भ में इसका नेतृत्व विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) विजय वडेट्टीवार करेंगे, वहीं पूर्वी विदर्भ में पटोले खुद मार्च का नेतृत्व करेंगे। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सभी राज्य कांग्रेस नेता दो दिनों के लिए तटीय कोंकण क्षेत्र का दौरा करेंगे।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण ने बढ़ाई शिंदे-बीजेपी सरकार की धड़कन
इस बीच महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर से गरमा गया है, जालना में हिंसा भड़क उठी है। पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हुई हैं। जिसमें कई लोग घायल हुए हैं।
पटोले ने शिंदे सेना-भाजपा-अजीत राकांपा गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग कर रहे जालना में प्रदर्शनकारियों पर शुक्रवार को पुलिस लाठीचार्ज का मकसद इंडिया गठबंधन की बैठक से ध्याना भटकाना था, जो 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में हुई।
सत्तारूढ़ गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों से पहले मराठा कोटा मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में है, क्योंकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) – जिसमें शरद पवार राकांपा, उद्धव ठाकरे सेना और कांग्रेस शामिल हैं। इन पार्टियों ने जालना हिंसा को लेकर शिंदे सरकार पर निशाना साधा है।
शुभांगी खापरे की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2021 में महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम को रद्द करने के बाद मराठा कोटा विवाद का शायद ही कोई समाधान नजर आ रहा है, यह फिर से एक चुनावी मुद्दा बनने के लिए तैयार है। जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन को चुनावों से पहले फिर से मराठा कोटा मुद्दे का सामना करना पड़ेगा। विशेष रूप से भाजपा जो राज्य और केंद्र दोनों में सत्ता में है। इस बार एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि सीएम शिंदे और उनके दूसरे डिप्टी अजीत पवार दोनों मराठा समुदाय से आते हैं।