देश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। हर पार्टी अपने स्तर पर एक चुनावी रणनीति तैयार कर रही है। इसी रणनीति के तहत आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया साझा कार्यक्रम की मदद से गठबंधन एक मंच से आम चुनाव के लिए जनता को एक दृष्टिकोण पत्र पेश करेगा। यह कार्यक्रम सभी दलों की सहमति पर तैयार होगा, हालांकि कांग्रेस का अपना चुनाव घोषणापत्र भी होगा, जोकि आम जनता को कांग्रेस की गारंटी उपलब्ध कराएगा।

लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के दलों के साथ सहमति बनाई जा सके, इसके लिए लगातार बैठक हो रही हैं। पटना, मुंबई, बंगलुरु के बाद दिल्ली में ये बैठकें हुईं। अब तक इन बैठकों में सबसे बड़ा मुद्दा गठबंधन के संयोजक पद का रहा है लेकिन सभी दलों न सामने आकर यह स्पष्ट किया है कि पहला लक्ष्य आगामी चुनाव में प्रमुख विरोधी दल को हराना होगा और इसी के हिसाब राज्यों के आधार पर रणनीति तैयार की जाएगी।

हालांकि इसका निर्णय गठबंधन की बैठक में होगा। इस बार के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने समर्थित दलों के साथ चार सौ से अधिक सीट लेने का लक्ष्य लेकर चल रही है। जहां विपक्षी दल जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं और अपनी चुनावी गारंटी लाकर वर्तमान सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं चुनाव से ठीक पहले भाजपा का हिंदुत्व कार्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कांग्रेस पहले ही शुरू कर चुकी है राज्यवार मंथन : गठबंधन बैठक से पहले सभी राज्यों में कांग्रेस की स्थिति का आकलन करने के लिए पहले ही हर राज्य के पदाधिकारियों व अध्यक्षों के साथ बैठक हो चुकी है। इनमें सभी राज्यों से हर लोकसभा सीट पर सूचना ली गई है। अब पार्टी की प्रमुख टीम इस सूचना को केंद्रीय नेतृत्व के साथ साझा करेगी।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिन सीटों पर कांग्रेस नंबर दो पर रही है, वहां पार्टी के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार को ही चुनाव मैदान में उतारा जाना चाहिए। इन सीटों का बंटवारा ही विपक्षी दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और विपक्षी गठबंधन को प्रधानमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं होने की से भी लगातार घेरा जा रहा है।

यूपीए में बन चुकी है ऐसी ही सहमति : देश में कांग्रेस के कार्यकाल में यूपीए सरकार चलाने के लिए एक बार पहले भी कांग्रेस ऐसी पहल कर चुकी है। इस कार्यक्रम पर सभी दलों को साथ लेकर कांग्रेस ने सरकार चलाई है और योजनाओं को देशभर में लागू भी किया है। इसका लाभ आज भी देश को मिल रहा है। यह कार्यक्रम 2004 में लाया गया था।

इसके प्रमुख बिंदुओं में देश में सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाने, आर्थिक प्रगति की दिशा में काम करने, मूल्य वर्धित कर (वैट), बिजली कानून, किसानों को ऊंची ब्याज दर से राहत, फायदे में चल रही सरकारी नवरत्न कंपनियों को बढ़ावा देना, देश में शिक्षा के तंत्र को अधिक से अधिक मजबूत करना समेत अहम योजनाएं शामिल थीं।