Pm Janman Yojna News: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पीएम-जनमन के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पहली किस्त जारी कर दी। इससे लगभग एक लाख लोगों को फायदा मिलेगा। इस दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन लोगों से भी बात की जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इस दौरान लाभार्थियों ने पीएम मोदी से बताया कि रसोई गैस कनेक्शन, बिजली, पाइप से पानी और आवास सहित अन्य सरकारी योजनाओं से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं।

पीएम मोदी ने कहा- कोई भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित ना रहे

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार का प्रयास है कि कोई भी उसकी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित ना रहे।’’ प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई। पिछले साल 15 नवंबर को पीएम-जनमन की शुरूआत समाज के सबसे कमजोर जनजातीय समूहों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए की गई थी।

पीएम-जनमन का बजट लगभग 24,000 करोड़ रुपये का है और इसमें नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण पहलों को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सबसे कमजोर जनजातीय समूहों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इनमें सुरक्ष‍ित आवास, स्‍वच्‍छ पेयजल, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बिजली, सड़क और संचार और टिकाऊ आजीविका के अवसर उपलब्‍ध कराना शामिल है।

जनजातीय समूहों की जिंदगी बेहतर बनाना है मकसद

असल में इस योजना का मकसद, जनजातीय समूहों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और कई जरूरी सुविधाएं देना है। सरकार इस योजना के जरिए कमजोर जनजातीय समूहों की जिंदगी बेहतर बनना चाहती है। इस योजना के लिए सरकार लगभग 24 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना के अनुसार, वन धन विकास केंद्र खोले जाएंगे। इसके अलावा एक लाख घरों में ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी।

जानिए क्या है यह योजना

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में लगभाग 10.45 करोड़ अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी है। इस सभी सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा से संबंधित परेशानियों ने जूझ रहे हैं। इनकी जिंदगियों में बुनियादी सुधार के लिए 2023-24 बजट में घोषणा की गई थी कि जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिती को बेहतर बनाने के लिए सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही सड़कें, दूर संचार कनेक्टिविटी और आजीविका के लिए साधन खोले जाएंगे। इस योजना के लिए अगले तीन सालों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस योजना के तहत 15,000 बस्तियों को शामिल किया गया है। शुरू में 100 जिलों को शामिल किया गया है। बाकी जिलों को भी कवर किया जाएगा।

इस अभियान के जरिए जनजातीय समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक कर उन्हें बुनियादी सुविधा दी जाएगी। इस योजना के तहत आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाणपत्र और जन धन खाते खोले जाएंगे। ताकि जनजाति सूमह के लोग आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड जैसे लाभ ले सकें।

इतना ही नहीं योजना के तहत हाट बाजार, सीएससी, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन विकास केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्रों का भी विकास कर उनका उपयोग करना है। फिलहाल इस योजना पर सरकार काम कर रही है। पीएम मोदी ने आज पहली किस्त जारी भी कर दी है। कुल मिलाकर इस योजना के जरिए जनजाति समूह के लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाकर उनका विकास करना है।