प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (31 अक्टूबर, 2020) को देश की पहली सीप्लेन सेवा का उद्घाटन कर दिया। दो दिवसीय गुजरात दौरे के आखिरी दिन केवडिया में उन्होंने सीप्लेन सेवाओं के लिए वॉटर एयरोडोम का लोकार्पण किया। साथ ही केवडिया से साबरमती तक की सीप्लेन में यात्रा भी की। विमान पर सवार होने से पहले उन्होंने यहां स्थित जल हवाई अड्डे पर अधिकारियों से बात की और विमान के बारे में जानकारी ली थी। इस सीप्लेन सेवा को ऐसे में देश में हवाई सफर के नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि यह विमान बाहर से मंगाया गया है।
Seaplane Service से जुड़ी खास बातेंः
– भारत की पहली कर्मशियल सीप्लेन सेवा है।
– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवडिया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच का वक्त चार घंटे से घटकर 45 मिनट हो जाएगा।
– इस क्षेत्र में पर्यटन में नए आयाम विकसित होंगे।
– रोजगार सृजन के अवसर पैदा होंगे।
– यह सेवा Kevadia से Sabarmati Riverfront (अहमदाबाद में) तक के लिए उपलब्ध रहेगी।
– नर्मदा जिले में Statue of Unity जाने के लिए यह एक जरिया है।
– एक तरफ की यात्रा का किराया 1500 रुपए बताया जा रहा है।
– सीप्लेन के सफर के दौरान केवडिया क्षेत्र के विहंगम दृश्य नजर आएंगे।
PM Shri @narendramodi inaugurates water aerodrome and sea plane service in Kevadia, Gujarat. https://t.co/hss2STi3Zk
— BJP (@BJP4India) October 31, 2020
वॉटर एयरोडोम से जुड़े फीचरः
– केवडिया और साबरमति में इन्हें बनाने में 36-36 करोड़ रुपए की लागत आई है।
– टर्मिनल बिल्डिंग एरिया करीब 700 स्क्वायर मीटर में फैला हुआ है।
– 2बी टाइप की श्रेणी के फ्लोट प्लेन्स में प्रति फ्लाइट में 14 यात्री सफर कर सकेंगे।
– यह सी प्लेन दिन में आठ ट्रिप्स करेंगे।
मोदी ने इससे पहले केवडिया में देश के सबसे पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर ‘स्टैचयू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। भाषण के बाद उन्होंने वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी किया। पीएम ने कहा- पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के सच को पाकिस्तान की संसद में संसद में स्वीकार किया गया। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे।
उनके मुताबिक, जब पूरा देश पुलवामा हमले के बाद दुखी था कुछ लोग ‘‘स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति’’ कर रहे थे। मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की संसद में स्वीकार किया कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के लिये उनका देश जिम्मेदार है। इस हमले के बाद दोनों देश जंग के मुहाने पर आकर खड़े हो गए थे।