भारत में कोरोनावायरस के केसों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ऐक्शन में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार गंभीर होते हालात के मद्देनजर 8 अप्रैल (गुरुवार) को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। बताया गया है कि पीएम इसमें अलग-अलग राज्यों में बढ़ते केसों को रोकने के तरीके और टीकाकरण प्रक्रिया पर जानकारी लेंगे। मोदी की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। बता दें कि पीएम ने इससे पहले 17 मार्च को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी।

गौरतलब है कि 6 अप्रैल (मंगलवार) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 1 लाख 3 हजार 558 केस सामने आए हैं। इस वक्त 8 राज्य ही कोरोना के कुल 81 फीसदी केसों के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और पंजाब शामिल हैं।

एक्टिव केसों की संख्या में जबरदस्त इजाफा: भारत में कोरोना के एक्टिव केस भी तेजी से बढ़े हैं। फिलहाल 7 लाख 41 हजार 830 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 5.89 फीसदी है। पिछले 24 घंटे के अंदर इलाज करा रहे मामलों में कुल 50 हजार 233 की बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल और पंजाब में कुल 75.88 फीसदी उपचाराधीन मामले हैं। केवल महाराष्ट्र में ही 58.23 फीसदी लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है।

दिल्ली सीएम ने मोदी को लिखी चिट्ठी, कहा- नियमों में दें छूट: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए नियमों में छूट देने का आग्रह किया और कहा कि अगर जरूरी मंजूरी मिल जाए तो तीन महीने के भीतर सभी लोगों का टीकाकरण हो सकता है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को अपने पत्र में लिखा है, ‘‘देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि से नयी चिंता और चुनौती पैदा हो गयी है। हमें तेजी से टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाना होगा।’’

केजरीवाल ने टीकाकरण केंद्रों को खोलने के लिए नियमों में छूट देने और टीका देने के लिए उम्र सीमा को भी खत्म करने की मांग की। केजरीवाल ने दावा किया कि अगर नए केंद्र खोलने के लिए नियमों को सरल बनाया गया और हर किसी को टीकाकरण की अनुमति दी जाती है तो दिल्ली सरकार तीन महीने के भीतर दिल्ली के सभी लोगों का टीकाकरण कर सकती है।