प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज श्रीनगर के दौरे पर होंगे। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद यह उनकी श्रीनगर की पहली यात्रा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री के बख्शी स्टेडियम में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने और कृषि और पर्यटन से संबंधित कई परियोजनाओं की घोषणा करने की संभावना है।

रैली में सरकारी अधिकारियों, भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों सहित लगभग दो लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। पिछली बार पीएम मोदी ने कश्मीर का दौरा लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के सभी तीन क्षेत्रों के अपने दौरे के हिस्से के रूप में फरवरी 2019 में किया था। अप्रैल 2022 में, उन्होंने जम्मू में राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित किया था।

इन परियोजनाओं की घोषणा करेंगे PM मोदी

श्रीनगर में प्रधानमंत्री की घोषणाओं में 5,000 करोड़ रुपये का समग्र कृषि विकास कार्यक्रम शामिल होगा। इसके बारे में अधिकारियों का दावा है कि यह केंद्र शासित प्रदेश की कृषि-अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और लगभग 2.5 लाख किसानों के लिए कौशल विकास सुनिश्चित करेगा। कार्यक्रम के तहत लगभग 2000 किसान खिदमत घर भी स्थापित किए जाएंगे।

पीएम द्वारा स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के तहत 140 करोड़ रुपये की 52 पर्यटन-संबंधी परियोजनाओं का शुभारंभ करने की भी संभावना है, जिसमें हजरतबल तीर्थ का एकीकृत विकास भी शामिल है। भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना ने कहा कि रैली में कम से कम 2 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। रैना ने कहा, “आज हम कश्मीर में जो विकास देख रहे हैं वह पीएम मोदी के कारण है। मैं लोगों से उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में आने का आग्रह करता हूं।”

सरकार पर चुनाव कराने का दबाव

पीएम का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब घाटी में पार्टियां सरकार पर आगामी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने का दबाव बना रही हैं। जम्मू-कश्मीर में 2018 से कोई निर्वाचित सरकार नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पिछले साल दिसंबर में कहा था, “अतीत में जब भी जम्मू-कश्मीर में हालात बिगड़े हमारे पास एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता थे जिन्होंने लोकतंत्र को बहाल करने की कोशिश की लेकिन पहली बार हमारे पास केंद्र में एक ऐसी सरकार है जो यहां चुनाव नहीं कराना चाहती।”

आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद के हालात

आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने, जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद से केंद्र और कश्मीर के नेताओं के बीच केवल एक बैठक हुई है। वह बैठक जून 2021 में हुई थी, जब पूर्व सीएम फारूक और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत 14 प्रमुख नेताओं ने पीएम से मुलाकात की थी।

उस समय पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि वह दिल्ली की दूरी के साथ-साथ दिल की दूरी को भी कम करना चाहते हैं। उन्होंने नेताओं को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, बातचीत आगे नहीं बढ़ी और जम्मू-कश्मीर निर्वाचित विधानसभा के बिना ही रह गया।