PM Modi statements in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बार फिर दिखाया कि कैसे काशी भारत की प्राचीन विरासत को आधुनिकता से जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि काशी ने आधुनिक समय को साधा है, अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोया है और अब एक उज्जवल भविष्य की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व जताया कि आज की काशी केवल पुरातन नहीं बल्कि प्रगतिशील भी बन चुकी है और बीते दस वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है। उन्होंने कहा, ‘मैं काशी का हूं, काशी मेरी हैं…।’
नारी सशक्तिकरण के आंदोलन को मिल रही है नई ऊर्जा
अपने संबोधन में मोदी ने महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर नारी शक्ति के हित में, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और समाज के समग्र कल्याण के लिए काम किया। आज सरकार उनके विचारों और संकल्पों को आगे बढ़ा रही है, और नारी सशक्तिकरण के आंदोलन को नई ऊर्जा मिल रही है।
मोदी ने विशेष रूप से बनास डेयरी की चर्चा करते हुए कहा कि इस डेयरी ने वाराणसी के हजारों परिवारों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी है। यहां की महिलाओं की मेहनत को इस डेयरी ने इनाम में बदला है और उनके सपनों को उड़ान दी है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वांचल की कई बहनें अब “लखपति दीदी” बन चुकी हैं, जो इस परिवर्तन की सशक्त तस्वीर है।
मोदी ने वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड करते ही इस मामले में मांगी कमिश्नर से रिपोर्ट, जताई नाराजगी
स्वास्थ्य सेवाओं में हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब मेरी काशी आरोग्य की राजधानी बन रही है। दिल्ली और मुंबई के बड़े अस्पताल अब बनारस में ही उपलब्ध हैं, और यही असली विकास है – जब सुविधाएं लोगों के पास खुद आ जाती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर दिन लाखों श्रद्धालु बनारस आते हैं, बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं, गंगा स्नान करते हैं, और सभी एक स्वर में कहते हैं – बनारस बहुत बदल गया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत आज विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है और इसकी सबसे बेहतरीन मिसाल काशी बन चुकी है। यहां न केवल गंगा का प्रवाह है बल्कि भारत की चेतना का प्रवाह भी है। विविधता में एकता की भावना को केंद्र में रखते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है और काशी उसकी सबसे सुंदर तस्वीर पेश करती है। हर गली-मोहल्ला भारत की किसी न किसी संस्कृति की झलक देता है। काशी-तमिल संगमम् जैसे आयोजन इस सांस्कृतिक एकता को और अधिक मज़बूत बना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि यह अब केवल संभावनाओं की धरती नहीं रही, बल्कि यह अब सामर्थ्य और सिद्धियों की संकल्पभूमि बन चुकी है। राज्य निरंतर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
राजनीतिक टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सत्ता के भूखे लोग केवल अपने परिवार को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं, जबकि उनकी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ रहा है। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार प्रत्येक नागरिक के कल्याण के लिए बिना भेदभाव के काम कर रही है, जबकि विपक्ष दिन-रात राजनीतिक खेलों में उलझा रहता है और केवल परिवारवादी राजनीति पर केंद्रित है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 3,880 करोड़ रुपये की लागत वाली 44 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें ग्रामीण विकास पर केंद्रित 130 पेयजल परियोजनाएं, 100 नए आंगनवाड़ी केंद्र, 356 पुस्तकालय, पिंडरा में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज और एक सरकारी डिग्री कॉलेज का निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस लाइन में एक ट्रांजिट छात्रावास, रामनगर में पुलिस बैरक और चार नई ग्रामीण सड़कों का भी उद्घाटन किया गया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे, जिन्होंने प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं की सराहना की और काशी को समग्र विकास का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री का यह दौरा बनारस के लिए एक बार फिर प्रगति और परिवर्तन का संदेश लेकर आया।