PM Modi Degree Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। केजरीवाल ने 31 मार्च को सुनाए गए आदेश पर यह समीक्षा याचिका दायर की है। कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को खारिज कर दिया था। जिसमें डिग्री शेयर करने के लिए कहा गया था। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया था।

गुजरात हाई कोर्ट के जज बीरेन वैष्णव ने दिल्ली सीएम की रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के बाद मामले को स्वीकार कर लिया है। वैष्णव की खंडपीड ने शुक्रवार को उत्तरदाताओं, गुजरात विश्वविद्यालय, मुख्य सूचना आयुक्त, तत्कालीन सीआईसी प्रोफेसर एम. श्रीधर आचार्युलु और भारत संघ के लिए एक नियम जारी किया है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख निर्धारित की है।

केजरीवाल ने रिव्यू पिटीशन में क्या कहा?

अरविंद केजरीवाल ने अपनी रिव्यू पिटीशन में कहा है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से गुजरात विश्वविद्यालय के लिए पेश किए गए सबमिशन के आधार पर कोर्ट ने 31 मार्च के आदेश में नोट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। जबकि यह सही नहीं है, क्योंकि वेबसाइट पर केवल एक ऑफिस रजिस्टर (OR) मौजूद है जो मूल डिग्री से अलग है।

इससे पहले एसजी मेहता ने गुजरात हाई कोर्ट में कहा था कि उक्त डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल सत्यापित कर सकते हैं। इसी को आधार बनाते हुए केजरीवाल ने फैसले की समीक्षा की मांग की है।

दिल्ली सीएम ने कहा, ‘उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को पूरी तरह से स्कैन करने के लिए एक्सपर्ट की मदद ली। इससे पता चला कि पीएम मोदी की डिग्री को ऑनलाइन अपलोड नहीं किया गया है, जबकि विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट के समक्ष इस तरह का दावा किया था। इसके अलावा, इस रिव्यू पिटीशन में 25 हजार रुपये के जुर्माने को भी चुनौती दी गई है।

क्या है पूरा मसला

बात अप्रैल, 2016 की है। तत्कालीन सीआईसी (CIC) आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल और मोदी की डिग्रियों की जानकारी देने के लिए कहा था। सीआईसी का यह आदेश केजरीवाल की ओर से आचार्युलु को लिखे पत्र के एक दिन बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने बारे में सरकारी रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। बता दें, केजरीवाल को पीएम मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय को केंद्रीय सूचना आयोग की ओर से जारी एक निर्देश को हाई कोर्ट ने हाल भी में रद्द कर दिया था।