आर्टिकल 370 पर सुप्रीम सुनवाई के दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि गवर्नर के जरिये मोदी सरकार हर हाल में आर्टिकल 370 को हटाना चाहती थी। यही वजह रही कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर असेंबली को भंग कर दिया। जबकि वो ऐसा नहीं कर सकते थे। कानूनन असेंबली को भंग करने का फैसला गवर्नर केवल कैबिनेट की सलाह पर ही ले सकते हैं। इमरजेंसी होने पर वो खुद से ऐसा फैसला सकते हैं। लेकिन वहां ऐसा नहीं था।

पीडीपी की सर्वेसर्वा महबूबा मुफ्ती ने गवर्नर को फैक्स के जरिये चिट्ठी भेजी थी। इसमें लिखा था कि नेशनल कांफ्रेंस के साथ उनकी बात हो गई है और वो दोनों मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। लेकिन गवर्नर ने खेल कर डाला। वो बोले कि महबूबा ने फैक्स कश्मीर में किया था जबकि वो जम्मू में थे। इस वजह से वो आगे बढ़े और असेंबली भंग कर डाली। सिब्बल का सवाल था कि क्या गवर्नर एक दिन इंतजार नहीं कर सकते थे।

केंद्र जबरन हटाना चाहती थी 370, तभी भंग कराई गई असेंबली- सिब्बल

आर्टिकल 370 को जम्मू कश्मीर से हटाने के मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच कर रही है। इसमें सीजेआई समेत पांच जज शामिल हैं। सिब्बल का कहना था कि केंद्र सरकार ने गवर्नर के जरिये 370 को हटाने का रास्ता बना दिया था। अगर असेंबली अस्तित्व में रहती तो केंद्र 370 को नहीं हटा सकता था। इसी वजह से 2018 में ही जम्मू कश्मीर की असेंबली को भंग कर दिया गया।

सिब्बल बोले- सुबह 11 बजे का आर्डर फिर से 11 बजे, मुस्कुराई सारी बेंच

सीजेआई का उनसे सवाल था कि क्या गवर्नर ने कैबिनेट की सलाह के बगैर ऐसा किया? सिब्बल का कहना था कि केंद्र और गवर्नर हर हाल में 370 को हटाना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने संविधान के प्रतिकूल जाकर काम किया। उसके बाद सिब्बल ने संवैधानिक बेंच से कहा कि अब वो सुप्रीम कोर्ट को उस आदेश से रूबरू कराना चाहेंगे जो संसद में सुबह 11 बजे मोदी सरकार ने पास किया। इसके जरिये ही आर्टिकल 370 को हटाया गया था। सीजेआई ने उनको रोकते हुए कहा कि अब मामले की सुनवाई मंगलवार को करेंगे। सिब्बल ने मुस्कुराते हुए कहा- फिर से सुबह 11 बजे के आर्डर पर सुबह 11 बजे सुनवाई होगी। उनकी बात पर सीजेआई समेत पांच जज मुस्कुराए बगैर नहीं रह सके।