Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas: भारत 15 अगस्त यानी मंगलवार को अपनी आजादी की 76वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने हर घर तिरंगा’ मूवमेंट के दौरान नागरिकों से harghartiranga.com वेबसाइट पर तिरंगे के साथ फोटो अपलोड करने के लिए कहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा “तिरंगा स्वतंत्रता और राष्ट्रीय एकता की भावना का प्रतीक है। प्रत्येक भारतीय का तिरंगे के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव है और यह हमें राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। मैं आप सभी से 13 से 15 अगस्त के बीच #हरघरतिरंगा आंदोलन में भाग लेने का आग्रह करता हूं।” भारत के सभी नागरिक 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि इससे पहले यानी 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ या ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया जाता है।
2021 में पीएम मोदी ने की विभाजन भयावह स्मृति दिवस की घोषणा
इस दिन की घोषणा प्रधान मंत्री ने 2021 में उन सभी लोगों को याद करने के लिए की थी जिन्होंने अपनी जान गंवाई थी। राष्ट्र विभाजन के कारण उन्होंने अपना सबकुछ खो दिया। कई लोगों ने भूखमरी और थकान से दम तोड़ दिया। लोगों का काफिला पैदल ही निकल पड़ा था। काफिला बढ़ता जाता उसमें लोग जुड़ते जाते। कई लोगों की इस दौरान मौत हो गई। लोगों को प्रचंड गर्मी झेलनी और मूसलाधार बारिश झेलनी पड़ी। अपना सब कुछ छोड़कर चलने वाले कई लोगों ने मंजिल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
जब इस दिन के शुरुआत की घोषणा की गई थी तो सरकार की तरफ से कहा गया था “विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े प्रवासन का कारण बना। जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर पीएम मोदी
घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि 14 अगस्त को हर साल विभाजन भयावह स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा था कि विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस दिन नफरत और हिंसा के कारण लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। उन्होंने कहा कि उन सभी संघर्षों और बलिदानों की याद में “14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।”
ट्रेन में भरकर आती थीं लाशें
विभाजन के समय लोगों ने रेलगाड़ियों का उपयोग किया था। इससे जुड़ी कई डरावनी कहानियां भी सामने आई हैं। कहा जाता है कि जब ट्रेन आती थी तो केवल लाशें और घायल लोग ही बचते थे। भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सहमति से रेल सुविधा को जारी रखा गया था। हर दिन पांच-छह ट्रेनें दोनों ओर से चलती थीं।
महिलाओं ने झेले सबसे अधिक दर्द
देश विभाजन के समय महिलाओं का अपहरण किया गया। उनके साथ दुष्कर्म किया गया। कई महिलाओं को अपना धर्म बदलकर उन लोगों से शादी करनी पड़ीं जिन्होंने उनके परिवार की हत्या की थी। सबसे भवायह तो यह है कि परिवार के लोग ही अपने घर की महिलाओं को खुद मार देते थे ताकि उनके साथ कुछ गलत ना हो। भारत सरकार ने 33 हजार महिलाओं के अपहरण तो पाकिस्तान ने 50 हजार महिलाओं के अपहरण होने का अनुमान लगाया।
सरकार ने शेयर की बंटवारे की तस्वीरें
प्रेस सूचना ब्यूरो के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल ने विभाजन के समय की कुछ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि इस दिन सभी को “विभाजन की भयावहता” को याद करना चाहिए और हम हमेशा “देश की एकता और अखंडता” के लिए काम करना चाहिए।
यूपी में मनाया गया विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
उत्तर प्रदेश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि मजहबी-नफरती मानसिकता ने देश का बंटवारा किया।