
सरलादेवी चौधरानी को भेजे एक खत में गांधी लिखते हैं, “अब यह बिछड़ना और अधिक कठिन लगने लगा है।”
स्वतंत्रता की घोषणा आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी, 1930 को घोषित की गई थी। कांग्रेस ने भारतीयों से उस दिन…
दुनिया को राह दिखाने वाला वह संत अब भी विचार मगन हो आत्ममंथन में लीन बैठा लगता है।
हुगली नदी के दृश्य वाले भव्य टाउन हॉल के लिए आर्किटेक्ट और इंजीनियर मेजर जनरल जॉन गार्स्टिन ने सार्वजनिक लॉटरी…
नागरी प्रचारिणी सभा के वार्षिक सम्मेलन में भाषण करते हुए उन्होंने पूरे भारत के लिए समान लिपि के रूप में…
वर्ष 1947 में आजादी हमें भीख में नहीं मिली, बल्कि सौ वर्षों के संघर्ष के बाद हमारे पूर्वजों ने आजादी…
बीजेपी की प्रवक्ता रूचि पाठक के एक बयान पर विवाद छिड़ गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ के सदस्य न रहे वीर सावरकर को इन दोनों ही संगठनों में इज्जत और…
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में बंग-भंग विरोधी आंदोलन का महत्त्व कई लिहाज से है।
बंग-भंग विरोधी आंदोलन का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि आगे चलकर भारतीय स्वाधीनता संघर्ष का शीर्ष…
चाहे समय अनुकूल हो या प्रतिकूल, गांधी अपने प्रतिदिन के कार्यों का हिसाब अपनी डायरी में रखते थे और सोने…