राज्यसभा में 11 अगस्त को हंगामा करने के आरोप में 12 सांसदों को सभापति वेंकैया नायडू द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इस निलंबन को रद्द कराने को लेकर विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। बता दें कि निलंबित हुए सांसद शीतकालीन सत्र में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

वहीं राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और कई अन्य सांसद भी मौजूद थे। विपक्षी सांसदों ने ‘वी वान्ट जस्टिस’, ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके।

इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम एक बैठक करेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे। वहीं इससे पहले उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र के जरिए आग्रह किया था कि सभापति 12 सदस्यों को निलंबित किये जाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें।

वहीं विपक्षी दलों के विरोध के चलते बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की 29 नवंबर को शुरुआत हुई। इसके पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।