संसद के मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। चर्चा का आज दूसरा दिन है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को चर्चा का जवाब दे सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मंगलवार को तीखी बहस हुई। विपक्ष की ओर से सुप्रिया सूले, डिंपल यादव समेत कई और दलों के नेताओं ने हमला बोला। तो वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से निशिकांत दुबे, किरेण रिजिजू समेत कई और नेताओं ने विपक्ष को जवाब दिया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के गौरव गोगोई ने की। उन्होंने कहा कि मणिपुर के युवा उनसे न्याय मांगते हैं। आखिर वे मणिपुर पर चुप्पी क्यों साधकर रखे हैं। हम मणिपुर मुद्दे पर उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए यह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं।
गुरुवार को चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं राहुल गांधी
सांसदी बहाल होने पर सोमवार से संसद लौटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को डिबेट में नहीं बोले थे लेकिन गुरुवार को उनके चर्चा में भाग लेने की संभावना है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान लोकसभा में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले, पूर्वोत्तर के कई लोगों को दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नस्लीय भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ा था।
अविश्वास प्रस्ताव पर पहले दिन चर्चा
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी के मौन पर निशाना साधा। वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का बहुत सम्मान करता हूं। सोनिया गांधी एक भारतीय नारी की तरह काम कर रही हैं। उनके दो काम हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लाने की टाइमिंग और गलत तरीके से उसे पेश करने को लेकर विपक्ष बाद में पछताएगा। रिजिजू ने कहा कि मणिपुर में संघर्ष की चिंगारी आज अचानक पैदा नहीं हुई, वर्षों से कांग्रेस की नेगलिजेंस का यह नतीजा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद जब से पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे तब से पूरे नॉर्थ-ईस्ट में एक भी नया मिलिटेंसी गुट खड़ा नहीं हुआ है।