गुरुवार को कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास हुए आतंकवादी हमले में सेना के दो सैनिकों और दो पोर्टर की मौत हो गयी थी। आतंकी हमले के एक दिन बाद रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला कश्मीर में शांति और स्थिरता को बाधित करने के उद्देश्य से पाकिस्तानी आतंकवादियों का काम था।
श्रीनगर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों ने 24 अक्टूबर को बारामूला के बूटापाथरी क्षेत्र में सेना की एक टुकड़ी को निशाना बनाया, जिसमें सैनिक और स्थानीय कुली सवार थे। गोलीबारी होने पर सतर्क सैनिकों ने तेजी से जवाबी कार्रवाई की, जिससे आतंकवादियों को हथियार और बैग छोड़कर पीछे हटना पड़ा। प्रवक्ता ने कहा कि हमलावर घने जंगल में भागने में सफल रहे। शुक्रवार को क्षेत्र में तलाशी जारी रही।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर घाटी में भय और आतंक पैदा करने के लिए कश्मीरी स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि घाटी शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रही है। इन आतंकवादियों का एकमात्र उद्देश्य ‘घाटी में आतंक का राज’ फैलाना है।
सेना के काफिले में शामिल एक वाहन पर हमला
गुरुवार को गुलमर्ग के ऊपरी क्षेत्र में बोटा पाथरी में नागिन चौकी के पास सेना के काफिले में शामिल एक वाहन पर हमला हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और तीन सैनिक घायल हो गए। शहीद हुए दो सैनिकों की पहचान राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह के रूप में हुई है। दो पोर्टर मुश्ताक चौधरी और जहूर अहमद मीर थे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को चारों को श्रद्धांजलि दी।
गुरुवार देर रात उपराज्यपाल ने सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की और ‘ आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए मुंहतोड़ जवाब देने को कहा। उन्होंने बारामूला के डिप्टी कमिश्नर को हमले में मारे गए सेना के पोर्टरों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
हमले के बाद एलजी ने की बैठक
उपराज्यपाल ने बुधवार को राजभवन में बैठक की थी, जिसमें घाटी में हमलों के बाद कश्मीर संभाग में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में डीजीपी नलिन प्रभात और गृह विभाग के प्रमुख सचिव चंद्राकर भारती भी मौजूद थे। एलजी ने पुलिस को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सुरक्षा ऑडिट करने, रणनीतिक स्थानों पर चौबीसों घंटे चौकियां बनाने, रात्रि गश्त करने और क्षेत्र में दबदबा बनाने के निर्देश भी दिए।
राजभवन के अनुसार, एलजी सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से श्रमिकों की सुरक्षा के लिए प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और निर्माण शिविरों के आसपास सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए कड़े उपाय करने को कहा। उन्होंने परियोजना-कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ नियमित समन्वय बैठकों के लिए तंत्र की स्थापना पर भी जोर दिया।